खेतासराय। नगर के आदर्श भारतीय विद्यापीठ परिसर में आयोजित आल इंडिया कवि सम्मेलन और मुशायरे में रातभर श्रोता गुनगुनाते रहे। गजल और शायरी का दौर देर रात तक चलता रहा। दूरदराज से आए कवि और शायरों ने अपनी रचना सुनाकर सभी को बांधे रखा।
शायर शंकर कैमूरी के शेर खुदा जब चाहे एक मजबूर को मोरजार बना देता है को सभी ने खूब सराहा। फारुक दिलकश ने कहा जिसको अपना समझता रहा मोखालिक मेरा हो गया। वसीम रामपुरी ने कहा वह अपनी अदाओं से ही बहलाता रहा प्यार में उसके मैं धोखा जान कर खाता रहा। हास्य कवि डंडा बनारसी ने कहा चांदनी रात में जब उसे बुलाया होगा रात 12 बजे सूरज निकल आया होगा पर हंस पड़े। कवित्री अंजुम देहलवी ने कहा झुलसाए रुख को आपकेसूरज की क्या मजाल,जब आपके के लिए मेरी जुल्फों के साए हैं। कवि मासूमा तबस्सुम, गुले सबा , निकहत अमरोहवी, कवि दिल खैराबादी, अनिल बोझल, नासिर कानपुरी ने अपनी रचनाओं से देर रात तक लोगों को गुदगुदाते रहे। अध्यक्षता आफताब अहमन ने की। इससे पूर्व कार्यक्रम अखिलेश मुशायरा की शुरूआत और नगर पंचायत अध्यक्ष वसीम अहमद और डा. एमएस खान ने दीप प्रज्ज्वलित कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम में जमीर अहमद, सत्यवीर सिंह, अनिल कुमार उपाध्याय, सेराज अहमद, मो. साबिक, मो. असलम, आनंद वरनवाल, सैय्यद उरूज आदि मौजूद थे। धर्मेंद्र ने आभार जताया। संचालन शंकर कैमूरी ने किया।