बक्शा। बेलापार गांव में दो करोड़ 20 लाख की लागत से बन रहे सीएचसी का कार्य अधर में लटका है। थोड़ा निर्माण होने के बाद काम कई महीनो से ठप पड़ा है। हालत यह है कि अस्पताल में मरीजों के बजाय छुट्टा पशुओं का डेरा है। छह वर्ष पूर्व निर्माण कार्य शुरू होने के बावजूद अभी तक बिल्डिंग विभाग को हैंडओवर नहीं की जा सकी।
उप्र राजकीय निर्माण निगम द्वारा वर्ष 2006 में दो करोड़ 20 लाख की लागत से सीएचसी का निर्माण शुरू हुआ। अस्पताल की बिल्डिंग और पानी की टंकी बनने के बाद काम रोक दिया गया। पिछले कई महीनो से काम ठप पड़ा है। सूत्रों की माने तो अस्पताल के लिए जारी धनराशि में एक करोड़ और बढ़ा दिए गए फिर भी काम आगे नहीं बढ़ रहा है। हालत यह है कि अस्पताल के अंदर कूड़े का ढेर लगा है। बाहर लंबी-लंबी झाडि़यां उग आई हैं। अस्पताल परिसर छुट्टा पशुओं का अड्डा बन गया है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सीएचसी का निर्माण शुरू हुआ तो वे यह सोच कर खुश थे कि अब उन्हें बेहतर इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी लेकिन निर्माण कार्य ठप होने से उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डा. जैसलाल का कहना है कि 19 जून 2006 से सीएचसी का निर्माण कार्य शुरू हुआ। आवासीय भवन और अन्य व्यवस्थाएं अभी पूरी नहीं हैं। शायद इसी वजह से बिल्डिंग विभाग को हैंडओवर नहीं की गई है। कार्यदायी संस्था के जेई से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला।