जौनपुर। 45 डिग्री तापमान के बीच प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण की मुकम्मल तैयारियां कर ली है। तैयारियों का खाका राहत एवं आपदा आयुक्त को भेज भी दिया गया है। तैयारियों के क्रम में बाढ़ प्रभावित गांव, पिछले वर्षों में आई बाढ़ से हुए नुकसान, बाढ़ नियंत्रण चौकिया, नाव, मोटरबोट समेत अन्य इंतजाम किए गए हैं। यह अलग बात है कि 1985 के बाद जिले में बाढ़ जैसी स्थिति कभी नहीं बनी। साथ ही सूखे से निपटने की कार्ययोजना तैयार की गई है। सूखे तालाबों को भरने के साथ पशुओं के चारा तथा टीकाकरण का प्रस्ताव भेजा गया है। खराब हैंडपंपों की सूची के साथ रीबोर के लिए बजट मांगा गया है।
जिले मेंबाढ़ के अतीत पर नजर डालें तो सरकारीरिकार्ड में आजादी के बाद पहली बार 1955 में 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच गोमती का जल स्तर सबसे ज्यादा 36 फीट दो इंच रिकार्ड किया गया था। उसके बाद 1970, 1971, 1976, 1980, 1985 में गोमती उफनाई थी और काफी नुकसान हुआ था। रिकार्ड में यह भी दर्ज है कि 1971 की बाढ़ में शहर के शाहीपुल पर आठ फीट पानी लगा हुआ था। यानी पूरा पुल डूब चुका था। बाढ़ से निपटने के क्रम में जिला प्रशासन ने 93 छोटी नाव, 58 मझली नाव, 111 बड़ी नावों को मिलाकर कुल 262 नावों का इंतजाम किया है। जरूरत पड़ने पर ही इनका इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा दो मोटरबोट भी तैयार रखने के आदेश दिए गए हैं। यह मोटरबोट केवल चिन्हित ही किए गए हैं। जरूरत पड़ने पर मोटरबोट का बाहर से इंतजाम किया जाएगा। तहसीलवार बात करें तो सदर तहसील में छोटी और बड़ी कुल 76 नावों की व्यवस्था की गई है। मछलीशहर में 20, मडि़याहूं में 19, शाहगंज में 23, केराकत में 99, बदलापुर में 25 नावों का इंतजाम किया गया है। बरसात के दिनों में बाढ़ से जिले के जनजीवन को प्रभावित करने वाली नदियों में गोमती, सई, बसुही और वरुणा नदी ही है। पीली नदी प्रशासन की सूची में नहीं है। तैराक और गोताखोरों के नाम भी रजिस्टर में दर्ज कर लिए गए हैं। सदर तहसील में 12 गोताखोर, मडि़याहूं में पांच, मछलीशहर में चार, शाहगंज में पांच गोताखोर चिन्हित किए गए हैं। बाढ़ चौकियां ऊंचाई वाले स्कूलों, तहसीलों आदि पर बनाने के आदेश हुए हैं। बाढ़ आने पर जिले के 173 गांव प्रभावित हो सकते हैं। सदर तहसील में 23 गांव, मडि़याहूं में 75, मछलीशहर में 12, शाहगंज में 17, केराकत में 31 तथा बदलापुर में 15 गांव बाढ़ प्रभावित चिन्हित किए गए हैं। यदि बाढ़ आई तो जिले के 173 गांवों का 35641.178 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित होगा। बाढ़ आने की स्थिति में जिले के 61916 लोग सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं। इसमें सदर तहसील में 9080, मडि़याहूं में 37992, मछलीशहर में 2174, शाहगंज में 5165, केराकत में 3120, बदलापुर में 4385 लोग प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह सूखे के निपटने की भी तैयारी की गई है। खराब हैंडपंपो को दुरुस्त करने, सूखे तालाबो को भरवाने के साथ पशुचारे के इंतजाम के भी आदेश दिए गए हैं। बाढ़ नियंत्रण के दौरान मदद करने वाले विभागों को डीएम की ओर से अलग से आदेश जारी किया गया है। पूरी तैयारी राहत एवं आपदा आयुक्त को भेज दी गई है। राहत आपदा के प्रभारी एडीएम पीके उपाध्याय ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में कहा कि ऐसी तैयारी हर वर्ष होती है। इसी क्रम में इस वर्ष भी तैयारी पूरी कर ली गई है।