जौनपुर। पूर्वांचल में एक बड़े खाद्यान्न घोटाले का अंदेशा है। बीपीएल, अंत्योदय परिवारों के अतिरिक्त मुख्यमंत्री गरीब आर्थिक मदद योजना के तहत चयनित लाभार्थियों के खाद्यान्न वितरण में सवाल उठने लगे हैं। खाद्यान्न आवंटन तो फरवरी से ही कर दिया गया लेकिन वितरण मई तक नहीं हो पाया। मार्केटिंग और सप्लाई विभाग के अधिकारी राशन कार्ड पर मोहर नहीं लगी होने तथा ब्लाक से सूची कोटेदारों को उपलब्ध नहीं होने का बहाना बता रहे हैं। हकीकत यह है कि कोटेदारों के गोदाम पर खाद्यान्न के नाम पर कुछ नहीं है। जबकि ब्लाकों के गोदाम रिकार्ड बताते हैं कि कोटेदार खाद्यान्न उठाकर ले गए हैं।
पिछली सरकार ने बीपीएल और अंत्योदय लाभार्थियों के इतर गरीबों की तलाश की थी। यह तलाश मुख्यमंत्री महामाया आर्थिक मदद योजना के तहत की गई थी। इन लाभार्थियों को तीन सौ रुपये पेंशन देने की बात कही गई थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाधवा समिति की रिपोर्ट लागू की गई। इसमें अति गरीबों को बीपीएल की तरह खाद्यान्न वितरण की बात कही गई थी। केंद्र सरकार ने दिसंबर में ही शासनादेश और खाद्यान्न आवंटन जारी कर दिया। प्रदेश के 21 जिले मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना में शामिल किए गए। पूर्वांचल के आजमगढ़, जौनपुर, सोनभद्र और मिर्जापुर भी इस योजना में शामिल हैं। योजना के तहत बीपीएल परिवारों की तरह महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के तहत चिह्नित किए गए लाभार्थियों को हर महीने 15 किलो गेहूं तथा 20 किलो दिया जाना था। गेहूं 4.65 रुपये प्रति किलो तथा चावल 6.60 रुपये प्रति किलो की दर से राशन दुकानों से मिलना था। भारत सरकार ने दिसंबर 2011 से सितंबर 2012 तक आवंटन भी जारी कर दिया। बीच में चुनाव होने के नाते आवंटन रोक दिया गया था। प्रदेश स्तर पर व्यवस्था की गई है कि चिह्नित परिवारों के राशन कार्ड पर ब्लाक से मोहर लगाई जाएगी और जिन परिवारों के पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है उन्हें राशन कार्ड भी जारी किया जाएगा। फरवरी में लगभग सभी ब्लाकों में ऐसे परिवारों के राशन कार्ड पर मोहर लगा दी गई और राशनकार्डविहीन परिवारों को कार्ड भी उपलब्ध करा दिया गया। रिकार्ड के मुताबिक जौनपुर में 42169 लाभार्थियों के लिए हर महीने 632.535 एमटी गेहूं तथा 843.38 मीट्रिक टन चावल उठान का लक्ष्य तय किया गया।
उदाहरण के लिए मडि़याहूं तहसील के रामपुर ब्लाक को हर महीने 2190 लाभार्थियों के सापेक्ष 294.15 कुंतल गेहूं तथा 392.20 कुंतल चावल जारी किया गया। इसी तरह मडि़याहू ब्लाक में 262.95 कुंतल गेहूं और 350.60 कुंतल चावल, बरसठी में 174 कुंतल गेहूं, 232 कुंतल चावल, राम नगर में 220.80 कुंतल गेहूं तथा 294.40 कुंतल चावल उठान होना है। तहसील क्षेत्र में हर महीने 951.90 कुंतल गेहूं और 1169 कुंतल चावल का वितरण किया जाना है। सरकारी रोस्टर के मुताबिक मई और जून महीने में दो-दो महीने का खाद्यान्न वितरित होना है। मई में मई के साथ दिसंबर 2011 और जून में जून के साथ जनवरी का खाद्यान्न वितरित होना है। ब्लाक गोदामों से 23 से 30 अप्रैल तक खाद्यान्न उठान हो चुका है। हालत यह है कि इस योजना के तहत कोटेदार खाद्यान्न तो ले गए लेकिन बांटा कहीं नहीं। तहकीकात में पता चला कि कोटेदारों ने प्रधान के साथ मिलकर खुले बाजार में बेच दिया। ब्लाकों की बैठकों में कोटेदारों से परेशान कुछ प्रधानों ने आवाज उठाई तो हल्ला मच गया। पांच महीने के खाद्यान्न का फिलहाल कोई हिसाब नहीं है।
फिलहाल रामपुर के ब्लाक के एसएमआई धर्मवीर सिंह का कहना है कि अप्रैल में फरवरी और मार्च का खाद्यान्न निकासी की गई है। जबकि सप्लाई इंस्पेक्टर मडि़याहूं नीलेश उत्पल कह रहे हें कि अप्रैल और मई का खाद्यान्न उठान किया गया है। ब्लाक लाभार्थियों की सूची कोटेदारों को उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण वितरण नहीं हो पाया। कुछ लाभार्थियों के कार्ड पर मोहर नहीं लगी है। जबकि एडीओ पंचायत गुलाब सिंह का कहना है कि सभी लाभार्थियों के राशनकार्ड पर मोहर लगा दी गई है और सूची ब्लाक से ग्राम पंचायतों के जरिए कोटेदारों को उपलब्ध करा दी गई है। यह हाल है रामपुर ब्लाक का। मडि़याहूं ब्लाक के काजीपुर गांव के चंद्रशेखर, विजयी, कंचन, राजेंद्र, बीनू देवी का कहना है कि पांच महीने में सिर्फ एक महीने का खाद्यान्न मिला है। कुमुंदपुर के लाभार्थी जयहिंद पटेल, सुभाष पटेल का कहना है कि अब तक योजना का खाद्यान्न बांटा ही नहीं गया। इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी सीमा सिंह ने कहा कि राशन कार्डों पर मोहर नहीं लगे होने तथा ब्लाकों से सूची उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण खाद्यान्न वितरण में दिक्कत आ रही है। पता लगाएंगे कि कहां सूची उपलब्ध होने के बावजूद खाद्यान्न वितरण नहीं हुआ।