मल्हनीबाजार। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के बड़उर गांव में मंगलवार शाम नहाने गए दो भाई तालाब में समा गए। मौके पर किसी अन्य के मौजूद न होने से दोनों बालकों के डूबने का पता नहीं चल सका। काफी देर बाद चरवाहे पशुओं को नहलाने पहुंचे तो पानी में उतराया हुआ शव दिखा। बालकों की मौत से गांव में कोहराम मचा है।
बड़उर गांव निवासी राजेंद्र बिंद के पुत्र प्रदीप बिंद (10) और दीपक बिंद (8) शाम करीब 5.30 बजे गांव के तालाब में नहाने की बात कह कर घर से निकले। गर्मी का दिन होने के नाते गांव के अन्य बच्चों के साथ दोनों अक्सर नहाने तालाब जाते थे इस वजह से परिजनों ने उन्हें रोका नहीं। घंटेभर बाद भी दोनों घर नहीं लौटे तो परिजनों को चिंता होने लगी। कुछ देर बाद गांव के कुछ चरवाहे पशुओं को नहलाने तालाब गए तो पानी में दो बच्चों का उतराया हुआ शव देख सन्न रह गए। करीब जाकर देखा तो पानी में दीपक और प्रदीप का शव दिखा। चिल्लाते हुए चरवाहे बस्ती की तरफ भागे और बच्चों के परिजनों को घटना की जानकारी दी। खबर पाकर सैकड़ों की संख्या में लोग तालाब के पास पहुंच गए। कुछ लोगों ने पानी में उतर कर शव बाहर निकाला। प्रदीप और दीपक का शव देख परिवार के लोग धाडे़ मारकर रोने लगे। मां अमरावती, पिता राजेंद्र दोनों बच्चों के शव से लिपट कर बिलख पड़े। अमरावती चीख-चीख कर यह कह रही थी कि काश उसने अपने बेटों को तालाब न जाने दिया होता तो शायद कलेजे के टुकड़े उससे दूर न होते। बड़ा भाई अनिल, बड़ी बहन चंद्रकला, सुनीता और अनीता का रो रोकर बुरा हाल हो गया था। परिवारवालों की दशा देख वहां मौजूद लोग भी खुद के आंसू रोक नहीं पा रहे थे। दोनों बालकों की मौत पर पूरा गांव रो पड़ा। प्रदीप और दीपक प्राथमिक विद्यालय जपटापुर में पढ़ते थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि नहाते समय दोनों बालक गहरे पानी में जाने से डूब गए। आसपास किसी के मौजूद न होने से उनके चिल्लाने की आवाज भी कोई सुन न सका।