मल्हनीबाजार। सरायख्वाजा गांव में शुक्रवार को एक विवाहिता का उसके कमरे में शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतका के कान, पीठ पर चोट और गले पर कसने के निशान पाए गए हैं। मृतका के पिता ने ससुरालवालों पर हत्या का आरोप लगाया है जबकि ससुरालवालों का कहना है कि महिला ने खुद फांसी लगाई है। वारदात के बाद पुलिस के सामने ही ससुरालवाले भाग निकले। पति समेत छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
गौराबादशाहपुर के भदेवरा गांव निवासी जय प्रसाद सिंह ने अपनी पुत्री लक्ष्मी (22) की शादी 29 नवंबर 2011 को सरायख्वाजा गांव निवासी जय प्रकाश सिंह के पुत्र विवेक सिंह उर्फ मुन्ना से की थी। पिछले दो महीनों से लक्ष्मी विवेक के साथ लखनऊ रह रही थी। बीते 14 मई को लक्ष्मी को लेकर विवेक घर लौटा था। शुक्रवार सुबह लक्ष्मी की मौत की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने जायजा लिया। कुुछ देर में मृतका के मायके से काफी संख्या में लोग पहुंच गए। लक्ष्मी के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। जय प्रसाद सिंह ने पुलिस को बताया कि शादी के समय उन्हें बताया गया कि विवेक लखनऊ मेडिकल कालेज में कार्यरत है। जबकि कुछ समय बाद पता चला कि वह लखनऊ में रहकर ठेकेदारी करता है। शादी के एक महीने बाद स्कार्पियो की मांग की जाने लगी। लक्ष्मी पर दबाव बनाया जाता था कि अपने घरवालों से वह स्कार्पियो देने को कहे। मांग पूरी न होने पर उसे मारापीटा जाता था। जय प्रसाद सिंह का कहना था कि गुरुवार को वे सरायख्वाजा के मंगदपुर गांव निवासी अपने बहनोई राजेंद्र सिंह के साथ लक्ष्मी के ससुराल आए थे। स्कार्पियो के लिए लक्ष्मी को प्रताडि़त करने की बात उठाई गई। इस पर ससुरालवालों ने झगड़ना शुरू कर दिया। लक्ष्मी ने बीच बचाव कर उन्हें घर भेज दिया था। स्कार्पियो न मिलने की खुन्नस में लक्ष्मी की हत्या की गई है। पूछाताछी को लेकर पुलिस के सामने ही ससुराल और मायके पक्ष के लोग भिड़ गए। एसओ के कहने पर पुलिस ने मायके पक्ष के लोगों को मुकदमा दर्ज कराने थाने भेज दिया। इधर, लक्ष्मी का पति, सास, ससुर, ननद, देवर मौके से भाग निकले। जय प्रसाद की तहरीर पर पति विवेक, सास गीता, ससुर जय प्रकाश, देवर विकास और दो ननद पूनम, प्रिया के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। शाम करीब चार बजे सीओ बृजमोहन सिंह, नायब तहसीलदार शाहगंज नरेंद्र कुमार, एसओ रवींद्र श्रीवास्तव, पूर्वांचल विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी वीएन त्रिपाठी, एसआई एचएल गोंड मौके पर पहुंचे। तब जाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।
विवेक के बड़े पिता तीर्थराज सिंह का कहना है कि सुबह करीब आठ बजे लक्ष्मी ने चाय बना कर सबको दी। इसके बाद वह ऊपर अपने कमरे में चली गई। काफी देर बाद भी नीचे नहीं उतरी तो उसे आवाज लगाई गई। कुछ जवाब न मिलने पर ऊपर जाकर देखा गया तो कमरे में रोशनदान की छड़ से साड़ी का फंदा बना कर लक्ष्मी लटकी हुई थी। फौरन उसे नीचे उतार जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां लक्ष्मी को मृत घोषित कर दिया गया। खुद उन लोगों ने घटना की जानकारी लक्ष्मी के मायके और पुलिस को दी थी। स्कार्पियो मांगने का झूठा आरोप लगा कर उनके परिवारवालों को फंसाया जा रहा है।