जौनपुर। अग्निकांड की घटनाओं ने बुधवार को जमकर कहर ढाया। खुटहन के सियरावासी गांव में एक वृद्ध जिंदा जल गया। सैकड़ों मड़हे खाक हुए और कई मवेशियों ने झुलस कर दम तोड़ दिया। अन्य जगहों पर फर्नीचर का कारखाना, जनरेटर, बाइक, पेड़ सहित पूरी गृहस्थी अग्निकांड की भेंट चढ़ गई। कई लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं। सभी जगह दमकल की गाडि़यां तो पहुंची लेकिन तब तक सिर्फ राख ही बची थी। तेज धूप और हवा ने आग बढ़ाने में घी का काम किया। आग की विनाशलीला से दर्जनों परिवारों का आशियाना तबाह हो गया।
खुटहन: सियरावासी गांव में अज्ञात कारणों से रजक, मल्लाह और तिवारी बस्ती के 25 परिवारों के करीब 120 छप्पर आग से राख के ढेर में तब्दील हो गए। दोपहर करीब एक बजे राम नाथ तिवारी का छप्पर अचानक जलने लगा। जब तक पुलिस और दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंचती आग आस-पास के छप्परों तक आग पहुंच गई। सभी घरों से लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ भागे लेकिन चलने फिरने में असमर्थ राम प्रताप रजक (60) बाहर नहीं निकल सके। कुछ लोग हिम्मत जुटा कर अंदर घुसे और राम प्रताप को बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। काफी देर बाद फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी मौके पर पहुंची लेकिन तब तक सब कुछ तबाह कर आग अपने आप ठंडी पड़ चुकी थी। राम नाथ तिवारी के चार छप्पर में आग से एक भैंस, एक पड़वा, ब्रम्हदेव के चार छप्पर जलने से एक बछिया, एक गाय जिंदा जल गई। कल्पनाथ का दो, दुब्बर साहब का चार, राय साहब का तीन, अशोक का दो, राजा राम का पांच, राम कृपाल का चार, अमरीश तिवारी का तीन, शशिकला का दो, मनोज का तीन, कैलाश नाथ का तीन, सदापति का आठ, सभापति का दो, मुरली राजभर का पांच, भुन्नर का पांच, कल्लू रजक का नौ, श्रीराम रजक का तीन, नन्हकू का पांच, प्रसाद का छह, मुरली रजक का छह, गंगा रजक का नौ, मसूड़ी का आठ, बैजनाथ का आठ, प्रताप का सात छप्पर और इनमें रखा सामान राख में तब्दील हो गया। आग बुझाने में मुरली राजभर (60) झुलस गए। बस्ती में लगे आम, तीन, शीशम के दर्जनों पेड़, बांस की कोठ भी झुलस गए। अग्निकांड में करीब 10 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
गौराबादशाहपुर/मुफ्तीगंज से मिली जानकारी के मुताबिक, बिझवार सागर गांव में श्रवण कुमार चौहान के कच्चे मकान में शार्ट सर्किट से आग लगी। जब तक लोग कुछ कर पाते एक-एक कर चौहान बस्ती के सभी मड़हे आग से घिरते गए। दमकल की दो गाडि़यां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। कुछ देर में पानी खत्म होने पर कुएं में पाइप डाल कर करीब तीन घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका लेकिन तब तक श्रवण चौहान के एक, लाल बहादुर चौहान के दो, श्याम सिंह चौहान के तीन, हरि चौहान के तीन, प्रेम चौहान के तीन, रामफेर चौहान के एक, फूल कुमार चौहान के दो, अच्छे चौहान के एक, संजय चौहान के चार मड़हों में रखा सारा सामान जल चुका था। सीएचसी से दवा लेकर कई स्वास्थ्यकर्मी भी गांव पहुंच गए थे। आग बुझाने के प्रयास में श्रवण कुमार चौहान, अक्षय कुमार चौहान, प्रेम चौहान, प्रमोद कुमार यादव गंभीर रूप से झुलस गए। हालत नाजुक होने पर सभी को सीएचसी ले जाया गया। जहां से राम मिलन को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने कोटेदार को पीडि़त परिवारों को राशन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। शासन की तरफ से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। गजना निवासी समाजसेवी ईंट भट्टा मालिक महेंद्र यादव और बिझवार सागर के वीरेंद्र यादव ने पीडि़त परिवारों को तीन-तीन हजार रुपये दिए।
थानागद्दी: थानागद्दी निवासी बनारसी के मड़हे में सुबह करीब दस बजे चूल्हे की चिंगारी से आग लगी। बनारसी के तीन मड़हे, एक टीन शेड, बगल के काशी गौड़, छेदी गौंड़ का एक-एक मड़हे में रखा सारा सामान जल गया। मड़हे में सो रहे नौ माह के नाती को बचाने में बनारसी झुलस गए। बनारसी का चार हजार रुपया, चांदी के दो गहने भी आग की भेंट चढ़ गए।
मुंगराबादशाहपुर: पंवारा के साहनी गांव निवासी शंभू नाथ विश्वकर्मा के एक रिहायशी खपरैल में दोपहर करीब दो बजे लपटें उठने लगी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पंपिंग सेट चलवा कर पानी फेंकना शुरू किया लेकिन तेज हवा के कारण आग फैलती गई। चार बजे दमकल की एक गाड़ी पहुंचने पर आग बुझाई जा सकी। लेकिन तब तक खपरैल में बंधी एक गाय मर चुकी थी जबकि दो गंभीर रूप से झुलसी हैं। कारखाने में रखे कई बेड, आलमारी, लकड़ी, एक बाइक, एक जनरेटर जल गया। आग बुझाने में शंभूनाथ विश्वकर्मा और सोना विश्वकर्मा झुलस भी गए। शंभू के मुताबिक करीब एक लाख का नुकसान हुआ है।
सुइथाकला: सरपतहां के सारी जहांगीरपट्टी गांव में अज्ञात कारणों से एक बाग में आग लग गई। करीब ढाई बीघे में दानपति यादव, सभापति यादव, जीत बहादुर यादव सहित कुछ अन्य लोगाें का बाग है। आग लगने से बाग में लगे आम, नीम, शीशम के करीब 30 पेड़ और बांस की कई कोठ जल गई। दमकल की एक गाड़ी पहुंचने पर घंटों मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी।
मछलीशहर: पूराफगुई गांव में सैय्यद बाबा की मजार से सटी हरिशचंद्र चौहान की चाय की दुकान चाय बनाने के दौरान भभक उठी। गुमटी में रखा सिलेंडर ब्लास्ट कर गया। धमाका इतना तेज था कि मजार की दीवार भी चिटक गई। बगल में लगा आम का एक पेड़ झुलसने लगा। फायर ब्रिगेड के पहुंचने पर आग पर काबू पाया जा सका। आग की चपेट में आने से हरिशचंद्र झुलस गया। उपचार के लिए उसे निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
बक्शा: मगरेसर गांव में कंतू मिस्त्री के छप्पर में शार्ट सर्किट से आग लग गई। छप्पर में रखा अनाज, बिस्तर, चारपाई सहित अन्य सामान जल गया। आग बुझाने में अमित का दोनों हाथ झुलस गया। ग्रामीणों के अथक प्रयास से आग पर काबू पाया जा सका।