उरई (जालौन)। पिछले 25 दिनों से जिले के सरकारी क्रय केंद्रों में बारदाने (बोरों) का अभाव होने पर किसानों ने उसका हल स्वयं ढूंढ लिया है। अब किसान बाजार से स्वयं बोरे खरीदकर सरकारी क्रय केंद्रों में गेहूं बेच रहे हैं। उनका आरोप है कि इसके बावजूद उन्हें 50 से 60 रुपए प्रति कुंतल सुविधा शुल्क देना पड़ता है।
आज सरकारी क्रय केंद्रों के सामने ग्राम कुठौदा के किसान श्याम करन, ग्राम ऐर के किसान देवेंद्र सिंह तथा उस्मान खान, ग्राम नुनसाई के किसान मान सिंह व राजेंद्र सिंह तथा ग्राम काबिलपुरा के किसान चंद्रपाल सिंह तथा छत्रपाल सिंह अपने अपने गेहूं के प्लास्टिक व जूट के बोरे दिखाते हुए बताया कि जिला प्रशासन तो पिछले 25 दिनों से बारदाने का संकट दूर नहीं कर पाया। किसानों ने बताया कि बाजार 50 किलो की प्लास्टिक बोरी 13 रुपए तथा जूट का 20 किलो का बोरा 20 रुपए का मिलता है। इतना ही नहीं सरकारी क्रय केंद्रों के ठेकेदार बिना 50 से 60 रुपए प्रति कुंतल सुविधा शुल्क लिए किसानों का गेहूं नहंी खरीदता हैं।
उरई (जालौन)। पिछले 25 दिनों से जिले के सरकारी क्रय केंद्रों में बारदाने (बोरों) का अभाव होने पर किसानों ने उसका हल स्वयं ढूंढ लिया है। अब किसान बाजार से स्वयं बोरे खरीदकर सरकारी क्रय केंद्रों में गेहूं बेच रहे हैं। उनका आरोप है कि इसके बावजूद उन्हें 50 से 60 रुपए प्रति कुंतल सुविधा शुल्क देना पड़ता है।
आज सरकारी क्रय केंद्रों के सामने ग्राम कुठौदा के किसान श्याम करन, ग्राम ऐर के किसान देवेंद्र सिंह तथा उस्मान खान, ग्राम नुनसाई के किसान मान सिंह व राजेंद्र सिंह तथा ग्राम काबिलपुरा के किसान चंद्रपाल सिंह तथा छत्रपाल सिंह अपने अपने गेहूं के प्लास्टिक व जूट के बोरे दिखाते हुए बताया कि जिला प्रशासन तो पिछले 25 दिनों से बारदाने का संकट दूर नहीं कर पाया। किसानों ने बताया कि बाजार 50 किलो की प्लास्टिक बोरी 13 रुपए तथा जूट का 20 किलो का बोरा 20 रुपए का मिलता है। इतना ही नहीं सरकारी क्रय केंद्रों के ठेकेदार बिना 50 से 60 रुपए प्रति कुंतल सुविधा शुल्क लिए किसानों का गेहूं नहंी खरीदता हैं।