उरई (जालौन)। तहसील क्षेत्र उरई के ग्राम चौरसी स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को मासिक विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया। इसकी अध्यक्षता कर रहे प्रभारी जिलाजज डीसी सामंत ने वादकारियों को सलाह दी कि छोटी मोटी बातों को प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाएं और विवादों को आपसी बातचीत से निपटाने का प्रयास करें। इससे अनेक कानूनी अड़चनों और आर्थिक हानि से बचा जा सकता है। विधिक शिविरों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करें। इससे कानून की सामान्य जानकारी बढ़ेगी जो खुशहाल जीवन जीने में सहायक होगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन द्वारा आयोजित शिविर में सचिव सिविल जज सीनियर डिवीजन इफराक अहमद ने कहा कि कानून के व्यावहारिक पक्ष को समझना होगा और बीमारियों के इलाज के लिए डाक्टर की तरह प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यकतानुसार वकील से प्राथमिक विधिक उपचार भी लेना चाहिए। सक्षम व्यक्ति अपना निजी पारिवारिक वकील रख सकते हैं जबकि निर्धन और अक्षम नागरिकों के लिए जिला विधिक प्राधिकरण ने विधिक उपचार केंद्र के माध्यम से निशुल्क विधिक परामर्श की व्यवस्था की है। सचिव ने बताया कि शीघ्र ही इस प्रकार की सुविधा प्रत्येक तहसील, जिला कारागार और बड़ी ग्राम पंचायतों में मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने भरण पोषण, लोक अदालत इत्यादि विषयों पर भी विधिक प्रावधान बताए।
प्रधान मजिस्ट्रेट मनीष निगम ने किशोर अपराध, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम और धारा 41 ए सीआरपीसी में हुए संशोधनों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता रमाकांत द्विवेदी, न्यायाधीश नीरज कुमार, ग्राम प्रधान भानुप्रताप, छुट्टन खां, राजू सिंह, राजस्व निरीक्षक उदय नारायण, लेखपाल शंकर लाल प्रजापति समेत सैकड़ों ग्रामवासी स्त्री पुरुष उपस्थित रहे। अंत में विधिक ज्ञान संबंधी साहित्य भी बांटा गया।
उरई (जालौन)। तहसील क्षेत्र उरई के ग्राम चौरसी स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को मासिक विधिक साक्षरता शिविर लगाया गया। इसकी अध्यक्षता कर रहे प्रभारी जिलाजज डीसी सामंत ने वादकारियों को सलाह दी कि छोटी मोटी बातों को प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाएं और विवादों को आपसी बातचीत से निपटाने का प्रयास करें। इससे अनेक कानूनी अड़चनों और आर्थिक हानि से बचा जा सकता है। विधिक शिविरों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करें। इससे कानून की सामान्य जानकारी बढ़ेगी जो खुशहाल जीवन जीने में सहायक होगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन द्वारा आयोजित शिविर में सचिव सिविल जज सीनियर डिवीजन इफराक अहमद ने कहा कि कानून के व्यावहारिक पक्ष को समझना होगा और बीमारियों के इलाज के लिए डाक्टर की तरह प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यकतानुसार वकील से प्राथमिक विधिक उपचार भी लेना चाहिए। सक्षम व्यक्ति अपना निजी पारिवारिक वकील रख सकते हैं जबकि निर्धन और अक्षम नागरिकों के लिए जिला विधिक प्राधिकरण ने विधिक उपचार केंद्र के माध्यम से निशुल्क विधिक परामर्श की व्यवस्था की है। सचिव ने बताया कि शीघ्र ही इस प्रकार की सुविधा प्रत्येक तहसील, जिला कारागार और बड़ी ग्राम पंचायतों में मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने भरण पोषण, लोक अदालत इत्यादि विषयों पर भी विधिक प्रावधान बताए।
प्रधान मजिस्ट्रेट मनीष निगम ने किशोर अपराध, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम और धारा 41 ए सीआरपीसी में हुए संशोधनों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता रमाकांत द्विवेदी, न्यायाधीश नीरज कुमार, ग्राम प्रधान भानुप्रताप, छुट्टन खां, राजू सिंह, राजस्व निरीक्षक उदय नारायण, लेखपाल शंकर लाल प्रजापति समेत सैकड़ों ग्रामवासी स्त्री पुरुष उपस्थित रहे। अंत में विधिक ज्ञान संबंधी साहित्य भी बांटा गया।