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बिजली संकट बेकाबू, लोगों का जीना मुहाल

Jalaun Updated Fri, 01 Jun 2012 12:00 PM IST
उरई(जालौन)। भीषण गर्मी की मार झेल रहे जिले के बाशिंदे बेकाबू बिजली संकट से बेहाल हैं। लोगों का जीना मुहाल हो गया है। सरकारी दावों के उलट शहरी क्षेत्र में 12 तो ग्रामीण क्षेत्रों में बमुश्किल दस घंटे ही बिजली लोगों को मिल पा रही है। बिजली सप्लाई चौपट होने से पेयजल व्यवस्था भी धड़ाम हो गई है। जहां लोगों को पीने के पानी की घोर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं सिंचाई के अभाव में मैंथा और गन्ना की फसलें सूख रही हैं।

वैसे तो बुंदेलखंड के सातों जिले पावर कारपोरेशन की नजर में कटौती मुक्त है। सरकारी कागजों में बुंदेलखंड को बीस घंटे बिजली देने की व्यवस्था है लेकिन बिजली बमुश्किल दस से 12 घंटे ही मिल पा रही है। बिजली कटौती का समय सुबह 8 बजे से 11 बजे और दोपहर तीन बजे से शाम पांच तक है। लेकिन बिजली कब चली जाए कोई भरोसा नहीं है। रात में तो कटौती की सारी हदें पार हो जाती है। पावर हाउस से बार बार बिजली ट्रिप होती रहती है। अंधाधुंध बिजली कटौती से लोगों का भीषण गर्मी में जीना मुहाल हो गया है। बिजली की लगातार आवाजाही से आटा चक्की, स्पेलर, कोल्ड ड्रिंक और आईस्क्रीम बेचने वालों का धंधा सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। बिजली संकट से किसान भी सबसे ज्यादा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। जिन किसानों ने अपने खेतों में मैंथा, गन्ना या फिर हरी सब्जियां बोई हैं उनके निजी नलकूप भी खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। इससे फसलें सूख रहीं हैं। हरदोई के किसान बब्लू राजा, अमित सिंह, खरुसा के विनोद निरंजन, बिनौरा के किसान अरविंद रावत, प्रदीप दीक्षित कहते हैं इससे बेेहतर बिजली तो बसपा सरकार में मिलती थी। कम से कम किसानों के खेतों की सिंचाई हो जाती थी। गर्मी के दिनों में लोग घरों में आराम भी कर लेते थे। अब तो यही भरोसा नहीं है कि कब बिजली आएगी और कब चली जाएगी। गांवों में आटा चक्की नहीं चल पा रहीं हैं। किसान कहते हैं बिजली मिले या न मिले लेकिन 1300 रुपए का बिल जरूर अदा करना होगा।

शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में की कटौती कर औद्योगिक क्षेत्र को जरुर 16 से 18 घंटे बिजली मिल रही है। बिजली की अघोषित कटौती से कालपी, कोेंच, उरई, जालौन जैसे कस्बों में पेयजल का गंभीर संकट पैदा हो गया है। जलसंस्थान के अधिशाषी अभियंता आरसी पांडेय कहते हैं बिजली संकट से पेयजल आपूर्ति प्रभावित है। टंकियों को भरने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पेयजल आपूर्ति बाधित न हो। अधिशाषी अभियंता नेकीराम कहते हैं पनकी पावर हाउस से मिल रहे शेड्यूल के मुताबिक बिजली दी जा रही है।
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