उरई (जालौन) जिले में इस समय में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा है। ऐसी भीषण गर्मी से पहले ही बेहाल जनता अब बिजली पानी की किल्लत से कराह उठी है। जिले में वैसे भी बिजली कटौती का समय बढ़ा दिया गया है, ऊपर से अघोषित कटौती ने कोढ़ में खाज वाले हालात पैदा कर दिए हैं। बिजली गुल होने पर पानी भी गोल हो जाता है। इससे लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
पटेलनगर में बुधवार को रात भर बिजली पानी न रहने से लोग बिलबिला उठे। गुरुवार को सुबह 11 बजे बिजली आई। इस दौरान भीषण गर्मी में लोग सो नहीं सके, बूंद-बूंद पानी को तरसे सो अलग। लोगों ने घरों की छतों पर बैठकर रात बिताई। मारे गर्मी के बच्चे तक नहीं सो सके। सुबह पानी न मिलने से लोगों को हैंडपंपों से पानी भरना पड़ा, जिससे खासी परेशानी रही। गर्मी की वजह से कुछ बच्चों व महिलाओं की तबीयत भी बिगड़ गई।
आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि व्यवस्था सही कराई जाए जिससे घर गृहस्थी का काम ठीक से निपट सके और बच्चे बढ़ाई कर सकें। इस बाबत उपखंड अधिकारी अजय गौतम ने बताया कि राते में सबसे पहले स्टेशन रोड पर तार टूटने से सारी लाइनें अस्त व्यस्त हो गईं। उनको सही करवाने के बाद लाइट चालू होने पर डिश पंचर हो गई जिसके चलते लाइट नहीं आई। सुबह जब पेट्रोलिंग कराई गई तो पता चला कि जिला चिकित्सालय के बाहर भी तार लिपटे थे।
जिले में बिजली किल्लत से आम जनता विशेषकर बूढे़ बच्चे बेहाल हैं। ऊपर से होने वाली रोस्टिंग के अलावा घंटों बिजली गायब होना रोजाना की बात हो गई है। रोस्टर के अनुसार शाम छह बजे से प्रात: 8 बजे तक, दोपहर 11 बजे से तीन बजे तक बिजली आपूर्ति होनी चाहिये लेकिन रात में कई कई बार बिजली आपूर्ति ठप रहती है। इससे भीषण गर्मी में लोग बेहाल हैं। उचित देखरेख के अभाव में ट्रांसफार्मर आए दिन फुंकते रहते हैं जिन्हें शिकायत के बाद भी ठीक नहीं किया जाता। लोगों का कहना है कि विभागीय कर्मचारियों की रुचि आमदनी वाले कार्यों में रहती है। बिजली बिलों में संशोधन के नाम पर विभागीय कर्मी अपना स्वार्थ पूरा करने के साथ साथ विभाग को चूना लगा रहे हैं। विभाग में बिचौलियों की लंबी कतार है। विभागीय कर्मी बिजली चोरी करवाकर अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं।
नगर के प्रमुख समाजसेवी अशरफ अली, सलीम अहमद, उदयभान, राजबहादुर, कमलाकांत, रमेश चंद्र ने बिजली आपूर्ति दुरुस्त कराए जाने की मांग की है।