उरई (जालौन)। जिले में कहर बरपा रहे डायिरया, बुखार व अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए उदासीन प्रशासन के बारे में अमर उजाला की खबरों का असर यह हुआ है कि गुरुवार को स्वास्थ्य महकमे ने कई टीमों का गठन कर दिया, जो बीमारियों की रोकथाम के प्रयासों में जुटेंगी। कहीं से भी बीमारी फैलने की खबर पर ये टीमें तुरंत मौके पर पहुंचेंगी, नगर पालिका अभी भी नींद में है। शहर के नाले नालियों की सफाई न कराए जाने से रोग और फैल रहे हैं। दवा का छिड़काव और फागिंग न कराए जाने के पीछे मलेरिया अधिकारी ने बजट का रोना रोया। दूसरी ओर गुरुवार को भी जिला अस्पताल में डायरिया, बुखार अन्य संक्रामक रोगों के मरीजों का तांता लगा रहा। आज अस्पताल में 32 मरीजों को भर्ती कराया गया। मलेरिया के संदेह में 30 मरीजों के रक्त का परीक्षण कराया गया।
एक महीने से अधिक का समय हो चुका है, डायरिया, पेट दर्द, बुखार, उल्टी-दस्त व अन्य संक्रामक रोगों का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी में आज 250 मरीज पहुंचे जिसमें 32 मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें भर्ती कराया गया। ओपीडी में आए बुखार से पीड़ित 30 मरीजों का मलेरिया के संदेह में रक्त का परीक्षण कराया गया। अस्पताल में भर्ती मरीजों में कांशीराम कालोनी निवासी श्रीमती रानी (35), टिमरो निवासी रंजना (25), रमेश हरी (25), विक्रम बाबा (24), अहम (10), दुर्गा देवी (65), मोहनलाल (52), देवीकांत (1), श्रीमती मिथलेश (35), शकुंलता (65), रुक्मणी (40), गुलाब रानी (20), अमन (2), रामभरत (14) आदि हैं।
संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सीएमओ एके गुप्ता के नेतृत्व में जिला स्तर पर रेपिड रिस्पोंस टीम का गठन किया है। इसमें सात सदस्य होंगे। किसी भी क्षेत्र से संक्रामक रोगों या दैवीय आपदा की सूचना मिलने पर यह टीम वहां जाकर पीड़ितों का उपचार करेगी। इसके अलावा डॉ. निशांत भारद्वाज के नेतृत्व में चार-चार सदस्यों वाली तीन टीमें बनाई गई हैं। इनमें एक चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ रहेगा। इसके अलावा सभी पीएचसी व सीएचसी में एपीडेमिक कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। इस तरह पूरे जिले पर स्वास्थ्य विभाग नजर रखेगा।
दूसरी ओर नगर पालिका प्रशासन ने अभी तक शहर के नाले नालियों की सफाई का कार्य शुरू ही नहीं कराया है। इस बाबत नगर स्वास्थ्य अधिकारी जीप्रसाद ने बताया कि शहर के नालों की सफाई के लिए आज ही टेंडर बेचे गए हैं। इसके अलावा शहर में फागिंंग के लिए 29 मई को दवा खरीद के टेंडर डाले जाएंगे। मलेरिया विभाग ने भी अभी तक न तो दवा का छिड़काव कराया है और न ही फागिंग कराई है। मलेरिया अधिकारी एसके वर्मा का कहना है कि उनके पास फागिंग के लिए 72 लीटर दवा रखी है, जिसकी एक्सपायरी अगस्त में है लेकिन बजट न होने से वह फागिंग का कार्य नहीं करा पा रहे हैं।