उरई (जालौन)। स्टेट वेयर हाउस ने जिले में गोदामों की कमी को देखते हुए इस बार दस हजार मीट्रिक टन गेहूं खुले आसमान के नीचे रखवाने का फैसला किया है। पांच हजार मीट्रिक टन गेेहूं उरई मंडी परिसर के सरकारी क्रय केंद्रों के बाहर पक्के फर्श पर तिरपाल और मोटी पालीथिन के सहारे रखा जाएगा। बाकी पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं एफसीआई के कुइया रोड गोदाम परिसर में इसी तरह खुले आसामान के नीचे रखा जाएगा।
जिला गेहूं खरीद प्रभारी और एडीएम लोकपाल सिंह के अनुसार जिले के कुल 78 सरकारी क्रय केंद्र हैं। प्रदेश शासन ने जिले के लिए गेहूं की खरीद के लिए 76 हजार 708 मीट्रिक टन लक्ष्य रखा है। बुधवार तक 45 हजार 77 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। उधर 30 जून तक खरीद लक्ष्य 76708 मीट्रिक टन होने पर गेहूें के भंडारण के लिए व्यवस्था की जाएगी। एफसीआई के प्रबंधक देवेंद्र कुमार के अनुसार उनके यहां कुल पांच गोदाम है जिनकी क्षमता 25 हजार मीट्रिक टन है। एफसीआई के गोादमों में अब मात्र 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं रखने की क्षमता बची है।
उधर स्टेट वेयर हाउस प्रबंधक राजकुमार बताते हैं जिले के उरई कोंच, कालपी में स्टेट वेयर हाउस के गोदामों में 34 हजार 481 हजार मीट्रिक टन गेहूं के भंडारण की क्षमता है। इसी तरह एटगल्लामंडी के टिन शेड में चार हजार मीट्रिक टन, कालपी गल्लामंडी के टिन शेड में 1470 मीट्रिक टन गेहूं रखने की व्यवस्था की गई। उन्होंने स्वीकार किया दस हजार मीट्रिक टन गेहूं इस बार खुले में रखना पड़ेगा। इसके लिए गल्ला मंडी परिसर के पक्के पर्श पर बल्ली व लकड़ी की क्रेक बना कर उसके ऊपर गेहूं के चट्टे लगाए जाएंगे। इन्हें तिरपाल की मोटी पालीथिन से ढका जाएगा। बाकी पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं एफसीआई भारतीय खाद्य निगम परिसर में लकड़ी व बल्ली की क्रेट बनाकर रखा जाएगा। बहरहाल अब देखना है खुले में रखे जाने वाले दस हजार मीट्रिक टन गेहूं में कितना बरसात में कितना बच पाएगा।