जालौन। खंड विकास अधिकारी कार्यालय परिसर में मंगलवार को खरीफ गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी कि मिट्टी की जांच करा लें और मृदा परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें।
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला उरई के प्रभारी डा.सीपी सिंह ने किसानों को सलाह दी कि वे रासायनिक खादों के स्थान पर जैविक खाद का प्रयोग करें। किसान ब्लाक स्तर पर मृदा परीक्षण कराकर तुरंत परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। पूर्व मास्टर ट्रेनर नवाब सिंह चौहान ने हानिकारक रसायनों का कम से कम प्रयोग करने का सुझाव दिया। उन्होंने फफूंद नाशक, ट्राई कोडर्मा तथा सब्जियों में नीम के तेल का प्रयोग करने के बारे में बताया।
बीज भंडार प्रभारी रवींद्र कुमार तिवारी ने गेहूं की फसल काटने के बाद खेत में आग लगाए जाने की प्रथा रोकने की सलाह देते हुए बताया कि खेत में आग लगाने से लाभप्रद कीटाणु नष्ट हो जाते हैं तथा मिट्टी की संरचना बदल जाती है। इससे पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
गोष्ठी में कृष्ण बहादुर सिंह लौना, रामाधार हरदोई राजा, विनोद कुमार, सुंदर सिंह, बीएस कटियार एडीओ, लाखन लाल वर्मा आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता सूर्यकांत पाठक ने की।