उरई (जालौन)। अत्याधुनिक मशीनों से पिछले डेढ़ दशक के दौरान बेतवा नदी में अंधाधुंध बालू का खनन किया जा रहा है। इससे कभी न थमने वाली बेतवा की धार ठहर गई है। अवैध बालू खनन राष्ट्रीय पर्यावरण नीति और नियमों का गंभीर उल्लंघन है। यह सिलसिला न रुका तो सुप्रीम कोर्ट जाकर पर्यावरण विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने की गुहार लगाई जाएगी।
मंगलवार को बेतवा बचाओ आंदोलन द्वारा राजेंद्र नगर मोहल्ला के बंहौरी हाउस में आयोजित संगोष्ठी मे राज्यसभा सदस्य और बेतवा बचाओ आंदोलन के संयोजनक गंगाचरण राजपूत ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा अभियान राजनीति प्रेरित नहीं है। किसी सरकार के विरोध में नहीं है। निर्माण कार्यों के लिए बालू प्राथमिक आवश्यकता है। इस लिए यह अभियान खनन विरोधी भी नहीं है। किंतु खनन राष्ट्रीय पर्यावरण नीति एवं नियमों के अनुसार हो ताकि नदियों में जल प्रवाह बना रहे। बेतवा तीन सौ किलोमीटर तक बहती है। इस पर तीन बिजली योजनाएं चल रही हैं। अवैध बालू खनन ने इसकी धारा का क्षरण कर इसे नाले में बदल दिया है। अवैध बालू खनन न रुका तो इसके विरोध में आंदोलन सुप्रीम कोर्ट जाने के साथ जनांदोलन छेड़ेगा। आंदोलन के तहत बेतवा तट पर महाआरती कार्यक्रम होगा ताकि लोग इससे भावात्मक रूप से जुड़ सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरण के साथ बाइक रैलियां निकाली जाएंगी। बेतवा बचाओ आंदोलन मूल रूप से जालौन और हमीरपुर जिलों में चलाया जाएगा। श्री राजपूत ने कहा आंदोलन की प्रमुख मांग बेतवा से बालू खनन और इसके लिए मशीनों के प्रयोग पर रोक लगाना शामिल है। बालू खनन नदी की धार से सौ मीटर दूर श्रमिकों के जरिए किया जाए। बालू खनन सुबह आठ से शाम पांच बजे तक किया जाए। राज्यसभा सांसद ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेतवा को अवैध बालू खनन से बचाने के लिए सहयोग देने की पुरजोर अपील की।
संगोष्ठी के उद्घाटन से पूर्व बेतवा के जल से भरे कलश और आंवले के वृक्ष का पूजन किया गया। पूजन बांके महाराज दैपुरिया ने वेद मंत्रोच्चारण से कराया। डा.शगुफ्ता मिर्जा ने राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम और मिर्जा साबिर बेग ने माता वेत्रवती के स्तवन गीत से नवीन ऊर्जा का संचार किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता परमात्मा शरण चतुर्वेदी ने की। मुख्य अतिथि कैलाश पाठक रहे। संगोष्ठी का संचालन साहित्यकार विनोद गौतम ने किया। अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवर्तन बेतवा बचाओ आंदोलन के संयोजक गंगाचरण राजपूत ने किया।
डा.रमेश चंद्रा ने अवैध खनन के कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला। डा.एके श्रीवास्तव तथा डा.अलका पुरवार ने वेत्रवती को बुुंदेलखंड की अस्मिता बताया। संगोष्ठी को डा.दिलीप सेठ, स्तंभकार केपी सिंह ,अशोक गुप्ता महाबली, पूजा दीक्षित, सुदामा दीक्षित, व्यापारी नेता केेके गहोई, राजसिंह प्रधानाचार्य, दीपक अग्निहोत्री, संजय श्रीवास्तव, अलीम सिद्दीकी समेत एक दर्जन लोगों ने संबोधित किया। अध्यक्षता कर रहे ओमप्रकाश राजपूत लल्लू भइया ने आभार व्यक्त किया