उरई (जालौन)। सरकारी खरीद केंद्रों में वारदाना न होने से पखवाड़े भर से गेहूं की खरीद ठप है। जबकि दूसरी तरफ लाइसेंसी गल्ला व्यापारियों को प्रशासन वारदाना उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। जबकि व्यापारी मशक्कत करके बोरे खरीद रहे है तो प्रशासन इन बोरो को मान्यता नहीं दे रहे हैं। अब ऐसे में सरकारी मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसान क्या करें, उसे समझ में नहीं आ रहा है।
ग्राम बोहदपुरा निवासी किसान करन सिंह , राज सिंह बोहदपुरा, ग्राम विरगुंवा के तुलाराम , बड़ागांव के कौशलेंद्र सिंह, संजीव गौतम खरुसा ने बताया कि यूपीएसएस सहित तमाम सरकारी क्रय केंद्रों में वारदाना का अभाव है। जिसके कारण हम लोग पिछले पंद्रह दिनों से गेहूं बेचने के लिए मारे मारे घूम रहे हैं। किसानों की समस्याओं को देखते हुए पांच दिन पूर्व उरई में एक दर्जन गल्ला व्यापारियों को प्रशासन ने किसान से सीधे गेहूं खरीदने के लिए अधिकृत किया। जबकि इन व्यापारियों को 26 रुपये प्रति बोरी भाव वाला वारदाना अब तक मुहैया नहीं कराया। इससे इन व्यापारियों के यहां भी किसानों का गेहूं नहीं बिक पा रहा है। उधर, गल्ला व्यापारियों ने बाजार से वारदाना खरीदकर किसानों से गेहूं खरीद शुरू करने का प्रयास किया। लेकिन नियमों का हवाला देकर इस पर भी रोक लगा दी गई। इसवजह से पिछले पांच दिनों से गल्लामंडी में गल्ला व्यापारियों ने गेहूं की बोली तक नहीं लगाई ।