उरई (जालौन)। दो सिपाहियों को लहूलुहान कर सरकारी रायफल लूटने वाला अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है, पर सोमवार को पुलिस ने उसे बीहड़ में खाना-पानी पहुंचाने वाले उसके दो रिश्तेदारों को दबोच लिया। पुलिस ने दतिया जिले के बीहड़ में कांबिंग भी की, पर आरोपियों का कुछ पता नहीं चला।
कैलिया थाने में तैनात सिपाही सतपाल सिंह व निरंजन कुशवाहा बीती 12 मई की शाम ऊंचा डाबर गांव में संतोष वैध के यहां मिनी गुंडा एक्ट का समन तामील कराने गए थे, तभी संतोष ने अपने साथियों के साथ लाठी, कुल्हाड़ी से हमलाकर सिपाहियों को लहूलुहान कर दिया और 303 बोर की सरकारी रायफल लूटकर भाग निकला था।
पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी व लूटी गई रायफल बरामद करने के प्रयास में जुटी है। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि दतिया जिले के इंदरगढ़ निवासी संतोष वैध के रिश्तेदार संजीव दुबे एवं विपिन उसे बीहड़ों में खाना पानी देने जाते हैं। कैलिया थानाध्यक्ष नवीनचंद्र कटियार ने सोमवार को अपने हमराहियों के साथ दोनों को उस समय दबोच लिया जब वे संतोष को खाना देने जा रहे थे। उनके खिलाफ डकैती उन्मूलन अधिनियम का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। पुख्ता सूत्रों की मानें तो संतोष दतिया जिले के रतनगढ़ देवी मंदिर के बीहड़ों में छिपा है। जिले की पुलिस ने भगुआपुरा थाना पुलिस के सहयोग से वहां कांबिंग की, पर संतोष का कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस उपाधीक्षक कोंच आर सी विद्यार्थी ने कहा कि लूटी गई राइफल बरामद करने व सिपाहियों के हमलावरों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इस काम में मुखबिरों की भी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि हमलावरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उन पर दबाव बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि वे जल्दी ही पुलिस के हत्थे चढ़ जाएंगे।