उरई (जालौन)। डायरिया, बुखार व संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जिला चिकित्सालय व शहर के प्राइवेट डाक्टरों के यहां सुबह से शाम तक सैकड़ों मरीज पहुंच रहे हैं। सोमवार को जिला चिकित्सालय में 40 मरीजों को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया।
जिला चिकित्सालय में ओपीडी व इमरजेंसी में आज सुबह से पेटदर्द, उल्टी-दस्त बुखार, लू से पीड़ित तथा डायरिया के मरीजों का तांता लगा रहा। लगभग 250 मरीज जिला चिकित्सालय में पहुंचे। 40 मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें वृद्ध व बच्चे ज्यादा हैं। भर्ती होने वालों में आटा निवासी शीला (9), कालपी के रामप्रीत सिंह (60), लहार का दीपेंद्र (2), रूरा अड्डू का विजय (10 माह), इंद्रानगर के रामप्रकाश (35), बघौरा निवासी शहनाज (25), अंबर (2), तुलसीनगर निवासी रोशनी (17), रामनगर के बलिबहादुर (68), अंजली (25), अलका (20), ददरी निवासी श्रीमती चंद्रा(24), जालौन का शाहिल (6 माह), राजेंद्रनगर के रामस्वरूप (40), प्रकाशरानी (60), सदमपुरी निवासी नजरीन (2), धंतौली निवासी फूलारानी (100), उमरारखेरा निवासी सुरजीत सिंह (45), श्यामा देवी, परासन निवासी श्रीमती कुसमा, पटेलनगर निवासी लकी, गोपालगंज निवासी उसमान, पियानिरंजनपुर निवासी रजनी साहू आदि हैं।
जिला चिकित्सालय के सीएमएस डा खेमचंद्र का कहना है कि डायरिया व बुखार के मरीजों की संख्या अधिक होने से उन्होंने बच्चों, महिला तथा पुरुषों के लिए अलग-अलग तीन वार्ड खोल दिए हैं। वे रोज प्रत्येक वार्ड की फिनाइल से धुलाई करवाते हैं। तीमारदारों को चाहिए कि मरीजों को जिला चिकित्सालय में लगी फिल्टर मशीन का ही पानी पिलाएं। प्रदूषित भोजन व पानी के सेवन से ही डायरिया प्रभावी होता है।