उरई (जालौन)। बरगदाही अमावस्या पर सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा अर्चना कर पति की लंबी आयु की कामना की।
रविवार को सुबह से ही शहर के विभिन्न मुहल्लों में सुहागिन महिलाओं की भीड़ वट वृक्षों के नीचे लगनी शुरू हो गई। सोलह शृंगार कर नए नए परिधानों में सजी महिलाआें के झुंड अपने हाथों में पूजा की थालियां लेकर वट वृक्ष के नीचे पहुंची जहां वृक्ष का जलाभिषेक कर रोली चंदन लगाकर पूजा अर्चना की और गुलगुले पुए चढ़ाकर कच्चा सूत लपेटकर वट वृक्ष की परिक्रमा की।
सावित्री की कथा सुनने के बाद ग्यारह चने और बरगद की दोड़ी निगलकर व्रत पूरा किया। मान्यता के अनुसार इस दिन सत्यवान सावित्री और यमराज की पूजा की जाती है। इस व्रत को करने वाली महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। सावित्री ने इसी व्रत के प्रभाव से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लिये थे।