उरई (जालौन)। बसपा के प्रांतीय नेता एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य गंगाचरण राजपूत ने कहा कि बुंदेलखंड की नदियों को बचाने के लिए जल्द ही आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसमें बुंदेलखंड के समाजसेवियों, डाक्टर, अधिवक्ता, इंजीनियर, नौजवान, छात्रों को साथ लिया जाएगा। उन्होंने आंदोलन की तिथि घोषित करने के लिए 21 मई को मुहल्ला राजेंद्र नगर स्थित अपने आवास पर बैठक बुलाई है।
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सांसद ने कहा कि वे राष्ट्रीय वाटर फोरम के सदस्य हैं। सेटेलाइट के जरिए मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि बुंदेलखंड में बीस वर्ष बाद भूगर्भ जल समाप्त हो जाएगा। श्री राजपूत ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के चार विकास खंडों को ड्राई क्षेत्र डार्क जोन मान लिया गया है। इनमें महोबा जिले के खंड विकास क्षेत्र बेलाताल व पनवाड़ी, झांसी जनपद के दो ब्लाक मऊरानीपुर तथा बबीना हैं। यहां निजी नलकूप व सरकारी नलकूप निकट भविष्य में नहीं लगाए जाने की सरकारी योजना है।
उन्होंने कहा कि बालू माफिया ने बुंदेलखंड की बेतवा, केन, पहुंज, सिंध, क्वारी नदियों में बालू तथा बजरा का अंधाधुंध खनन किया है। बेतवा नदी में तो मशीन लगाकार अस्सी फुट गहराई से खनन हो रहा है। इससे नदियां सूखने की कगार पर हैं। बुंदेलखंड की कई नदियां गर्मी के मौसम में पहले ही सूख गई हैं। नदियों को बचाने का काम यदि शीघ्र न किया गया तो बुंदेलखंड में नदियों का अस्तित्व ही मिट जाएगा। 21 मई को गंगा दशहरा के दिन बुलाई गई बैठक में आंदोलन की तिथियों की घोषणा की जाएगी।