कोंच (जालौन)। खाद्य एवं रसद आयुक्त अर्चना अग्रवाल ने मंगलवार को कोंच में सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्था पर संतोष जताया। उन्होंने किसानों से भी अवैध वसूली के बारे में पूछा, पर किसी ने कोई शिकायत नहीं की। पीसीएफ केंद्र पर रविवार को भी तौलाई करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी मनीषा त्रिघाटिया भी उनके साथ थीं।
अफसरों का काफिला सबसे पहले मंडी परिसर स्थित सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर पहुंचा जहां उ.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण निगम, नैफेड, पीसीएफ क्रय केंद्रों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने अभिलेख भी देखे और खरीद की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने तौली जा चुकी कुछ बोरियों को इलेक्ट्रानिक कांटे पर भी तौलवा कर देखा, कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली। किसानों ने बताया कि लगभग एक सप्ताह में उन्हें चेक मिल जाता है। बारदाने की स्थिति सभी केंद्रों पर ठीक-ठाक मिली। पीसीएफ केंद्र पर उन्हें बताया गया कि 9 मई तक का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने एसडीएम कोंच मोहम्मद गफ्फार को निर्देशित किया कि जो किसान माल तौलाने से छूट गये हैं उनकी लिस्ट बनवा लें और उनके गांवों में मुनादी करा दें ताकि वे भी अपना गेहूं तौला सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि किसानों को जब टोकन नंबर दें तो उनके मोबाइल नंबर जरूर रजिस्टर में दर्ज करें ताकि उन्हें सूचना दी जा सके।
जुझारपुरा किसान सेवा केंद्र पर बताया गया कि 2 मई तक का किसानों का भुगतान किया जा चुका है और तकरीबन दस लाख के भुगतान शेष पड़े हैं जिनके लिये पैसे की डिमाण्ड भेजी जा चुकी है। बाद में खाद्य आयुक्त ने पत्रकारों को बताया कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि माल के उठान के लिये भी क्रय केंद्र संचालकों को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय पर उनके पास इस तरह की शिकायतें आई थीं कि किसानों से 70 रुपया बोरा के हिसाब से अवैध वसूली की जा रही है लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट धीरेन्द्र कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट संजय खत्री, एसडीएम कोंच मोहम्मद गफ्फार, जिला पूर्ति अधिकारी आर पी संखवार, डिप्टी आरएमओ, सहायक निबंधक सहकारी समितियां आदि मौजूद रहे।
कोंच (जालौन)। खाद्य एवं रसद आयुक्त अर्चना अग्रवाल ने मंगलवार को कोंच में सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्था पर संतोष जताया। उन्होंने किसानों से भी अवैध वसूली के बारे में पूछा, पर किसी ने कोई शिकायत नहीं की। पीसीएफ केंद्र पर रविवार को भी तौलाई करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी मनीषा त्रिघाटिया भी उनके साथ थीं।
अफसरों का काफिला सबसे पहले मंडी परिसर स्थित सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर पहुंचा जहां उ.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण निगम, नैफेड, पीसीएफ क्रय केंद्रों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने अभिलेख भी देखे और खरीद की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने तौली जा चुकी कुछ बोरियों को इलेक्ट्रानिक कांटे पर भी तौलवा कर देखा, कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली। किसानों ने बताया कि लगभग एक सप्ताह में उन्हें चेक मिल जाता है। बारदाने की स्थिति सभी केंद्रों पर ठीक-ठाक मिली। पीसीएफ केंद्र पर उन्हें बताया गया कि 9 मई तक का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने एसडीएम कोंच मोहम्मद गफ्फार को निर्देशित किया कि जो किसान माल तौलाने से छूट गये हैं उनकी लिस्ट बनवा लें और उनके गांवों में मुनादी करा दें ताकि वे भी अपना गेहूं तौला सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि किसानों को जब टोकन नंबर दें तो उनके मोबाइल नंबर जरूर रजिस्टर में दर्ज करें ताकि उन्हें सूचना दी जा सके।
जुझारपुरा किसान सेवा केंद्र पर बताया गया कि 2 मई तक का किसानों का भुगतान किया जा चुका है और तकरीबन दस लाख के भुगतान शेष पड़े हैं जिनके लिये पैसे की डिमाण्ड भेजी जा चुकी है। बाद में खाद्य आयुक्त ने पत्रकारों को बताया कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि माल के उठान के लिये भी क्रय केंद्र संचालकों को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय पर उनके पास इस तरह की शिकायतें आई थीं कि किसानों से 70 रुपया बोरा के हिसाब से अवैध वसूली की जा रही है लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट धीरेन्द्र कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट संजय खत्री, एसडीएम कोंच मोहम्मद गफ्फार, जिला पूर्ति अधिकारी आर पी संखवार, डिप्टी आरएमओ, सहायक निबंधक सहकारी समितियां आदि मौजूद रहे।