उरई (जालौन)। एक ओर जिले में बिजली के लिए हायतौबा मची है, दूसरी ओर नगर पालिका की स्ट्रीट लाइटें 24 घंटे जलती हैं। इससे आधे से ज्यादा लाइटें फ्यूज हो चुकी हैं। बिजली की बर्बादी हो रही है, सो अलग। नगर पालिका व बिजली विभाग की लापरवाही से सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। इस लापरवाही के लिए दोनों विभाग एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
बिजली कम मिलने की बात कहकर विभाग रोजाना चार घंटे की घोषित व कई घंटे की अघोषित कटौती करता है। उपभोक्ता बिजली की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। दूसरी ओर शहर भर में 2235 सोडियम लाइट, एक हजार सीएफएल तथा दो हजार बल्ब 24 घंटे जलते रहते हैं। इससे आधे से अधिक सोडियम लाइट, सीएफएल व बल्ब फ्यूज हो चुके हैं। इस लापरवाही के लिए दोनों विभाग एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे है।
बिजली विभाग के जेई आरवी सिंह का कहना है कि नगर पालिका ने शहर में कहीं भी न तो अपने बोर्ड लगाए हैं और न ही कही एमसीवी लगाई है। दूसरी ओर नगर पालिका के लाइट निरीक्षक आरडी राठौर का कहना है कि बिजली विभाग ने उनकी स्ट्रीट लाइट को फेस लाइन बनाकर उसमें आम उपभोक्ताओं के कनेक्शन कर दिए हैं। वे प्रति माह 500 नए बल्ब लगवाते हैं। श्री राठौर ने बताया कि नगर पालिका प्रति वर्ष 32,83,200 रुपए बिजली का बिल अदा करती है।