कोंच (जालौन)। सिपाहियों की पिटाई के बाद रायफल छीनने के बाद कैलिया थाना क्षेत्र का गांव डाबर-उंचागांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। ग्रामीणों में दहशत है जबकि घायल एक सिपाही की हालत नाजुक होने के बाद उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। हमलावर घरों पर ताले डालकर फरार हो गए। उनकी तलाश में पुलिस छापे मार रही है। घायल सिपाहियों की ओर से पांच लोगों के खिलाफ कैलिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। डाबर-उंचागांव में रविवार की रात कैलिया थाना के दो सिपाही समन तामील कराने गए थे। जहां लाठी-डंडों से उनकी बुरी तरह पिटाई की गई थी।
घटनाक्रम के मुताबिक रविवार की रात तकरीबन नौ बजे कैलिया थाने के दो सिपाही सत्यपाल यादव एवं निरंजन कुशवाहा डाबर-ऊंचागांव में संतोष वैद आदि के मिनी गुंडा एक्ट के समन तामील कराने गए। सिपाहियों ने संतोष से समन पर दस्तखत करने को कहा तो वह भड़क गया। सिपाहियों के गाली देने से रोकने पर उनसे भिड़ गया। इस बीच संतोष के दो और भाई विमलेश व मुखिया तथा उनके दो साथी मनोज पण्डा एवं मनोज कौरव आदि आ गये और सिपाहियों को लाठी डंडों से पीटने लगे। ग्रामीण बंटू ने बताया कि पांचों ने दोनों सिपाहियों को नीचे गिरा कर बुरी तरह पीटा। इसी बीच सिपाही निरंजन कुशवाहा उनके चंगुल से छूट गया और आत्म रक्षा में एक हवाई फायर झोंक दिया। सिपाही का फायर करते ही हमलावर उन्हें छोड़ कर भाग खड़े हुए लेकिन जाते-जाते सिपाही सत्यपाल की राइफल छीन ले गए।
इसके बाद गांववालों ने घायल सिपाहियों को उठा कर एक जगह लिटाया और थाने को इत्तिला दी। सूचना के काफी देर बाद पुलिस गांव पहुंची और घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोंच पहुंचाया जहां हालत गंभीर देख उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय के लिए रिफर कर दिया गया। बताया गया है कि जिला अस्पताल से घायल सिपाही सत्यपाल की नाजुक हालत को देखते हुए उसे इलाज के लिए कानपुर भेजा गया है।
रात में ही एसपी आदि बड़े अफसर कोंच कोतवाली, नदीगांव व एट थानों की पुलिस के साथ गांव पहुंचे। हमलावरों की सरगर्मी से तलाश की गई, पर कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस का अनुमान है कि हमलावर पहूज नदी पार करके मध्य प्रदेश में भाग गये हैं क्योंकि मुख्य अभियुक्त मूलत: एम पी के बेरछा के ही रहने वाले बताये जा रहे हैं। संतोष के खिलाफ कैलिया थाने में पहले से ही एस सी एस टी एक्ट,147,323,325,504,506 आदि धाराओं में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है।
घटना के बाद से गांव में दहशत है। ग्रामीणों की मानें तो सिपाहियों को जिस बेरहमी से पीटा जा रहा था उसमें उनकी जान भी जा सकती थी।
पुलिस की राइफल छिनने की यह कोई पहली घटना नहीं है, पहले भी दो बार कैलिया और कोंच कोतवाली पुलिस की राइफलें छिन चुकी हैं। वर्ष 2004 में कोंच में घटित लोमहर्षक कोतवाली कांड में तीन लोग पुलिस की गोली से मारे गये थे और जबर्दस्त पब्लिक मूव उठा था। उसी दौरान पुलिस की दो राइफलें लूट ली गई थीं। वे राइफलें मिली कि नहीं, इस बात की किसी को जानकारी नहीं है लेकिन मामला जरूर दाखिल दफ्तर किया जा चुका है। इसी प्रकार गत वर्ष कैलिया थाने के सिपाही की राइफल ग्राम सुनायां के पास लूटी गई थी जिसे बाद में बरामद कर लिया गया था।
कोंच (जालौन)। सिपाहियों की पिटाई के बाद रायफल छीनने के बाद कैलिया थाना क्षेत्र का गांव डाबर-उंचागांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। ग्रामीणों में दहशत है जबकि घायल एक सिपाही की हालत नाजुक होने के बाद उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। हमलावर घरों पर ताले डालकर फरार हो गए। उनकी तलाश में पुलिस छापे मार रही है। घायल सिपाहियों की ओर से पांच लोगों के खिलाफ कैलिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। डाबर-उंचागांव में रविवार की रात कैलिया थाना के दो सिपाही समन तामील कराने गए थे। जहां लाठी-डंडों से उनकी बुरी तरह पिटाई की गई थी।
घटनाक्रम के मुताबिक रविवार की रात तकरीबन नौ बजे कैलिया थाने के दो सिपाही सत्यपाल यादव एवं निरंजन कुशवाहा डाबर-ऊंचागांव में संतोष वैद आदि के मिनी गुंडा एक्ट के समन तामील कराने गए। सिपाहियों ने संतोष से समन पर दस्तखत करने को कहा तो वह भड़क गया। सिपाहियों के गाली देने से रोकने पर उनसे भिड़ गया। इस बीच संतोष के दो और भाई विमलेश व मुखिया तथा उनके दो साथी मनोज पण्डा एवं मनोज कौरव आदि आ गये और सिपाहियों को लाठी डंडों से पीटने लगे। ग्रामीण बंटू ने बताया कि पांचों ने दोनों सिपाहियों को नीचे गिरा कर बुरी तरह पीटा। इसी बीच सिपाही निरंजन कुशवाहा उनके चंगुल से छूट गया और आत्म रक्षा में एक हवाई फायर झोंक दिया। सिपाही का फायर करते ही हमलावर उन्हें छोड़ कर भाग खड़े हुए लेकिन जाते-जाते सिपाही सत्यपाल की राइफल छीन ले गए।
इसके बाद गांववालों ने घायल सिपाहियों को उठा कर एक जगह लिटाया और थाने को इत्तिला दी। सूचना के काफी देर बाद पुलिस गांव पहुंची और घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोंच पहुंचाया जहां हालत गंभीर देख उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय के लिए रिफर कर दिया गया। बताया गया है कि जिला अस्पताल से घायल सिपाही सत्यपाल की नाजुक हालत को देखते हुए उसे इलाज के लिए कानपुर भेजा गया है।
रात में ही एसपी आदि बड़े अफसर कोंच कोतवाली, नदीगांव व एट थानों की पुलिस के साथ गांव पहुंचे। हमलावरों की सरगर्मी से तलाश की गई, पर कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस का अनुमान है कि हमलावर पहूज नदी पार करके मध्य प्रदेश में भाग गये हैं क्योंकि मुख्य अभियुक्त मूलत: एम पी के बेरछा के ही रहने वाले बताये जा रहे हैं। संतोष के खिलाफ कैलिया थाने में पहले से ही एस सी एस टी एक्ट,147,323,325,504,506 आदि धाराओं में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है।
घटना के बाद से गांव में दहशत है। ग्रामीणों की मानें तो सिपाहियों को जिस बेरहमी से पीटा जा रहा था उसमें उनकी जान भी जा सकती थी।
पुलिस की राइफल छिनने की यह कोई पहली घटना नहीं है, पहले भी दो बार कैलिया और कोंच कोतवाली पुलिस की राइफलें छिन चुकी हैं। वर्ष 2004 में कोंच में घटित लोमहर्षक कोतवाली कांड में तीन लोग पुलिस की गोली से मारे गये थे और जबर्दस्त पब्लिक मूव उठा था। उसी दौरान पुलिस की दो राइफलें लूट ली गई थीं। वे राइफलें मिली कि नहीं, इस बात की किसी को जानकारी नहीं है लेकिन मामला जरूर दाखिल दफ्तर किया जा चुका है। इसी प्रकार गत वर्ष कैलिया थाने के सिपाही की राइफल ग्राम सुनायां के पास लूटी गई थी जिसे बाद में बरामद कर लिया गया था।