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उरई(जालौन)। सावधान, अगर आप जल्द अमीर बनने के चक्कर में चिटफंड कंपनियों में पैसा जमा कर रहे हैं तो आपकी खून पसीने की कमाई कभी भी डूब सकती है। ऐसा ही किया है शहर के स्टेशन रोड पर चल रही कंपनी ईजी वे के संचालकों ने। वह जिले से तकरीबन पांच करोड़ रुपये लेकर चंपत हो गए हैं।
सोमवार को जब संवाददाता इन चिटफंड कंपनियों की हकीकत जानने निकला तो जो कुछ पता चला उससे वह सन्न रह गया। जिले में तकरीबन 70 चिटफंड कंपनी चल रही हैं जो कम समय में पैसा दोगुना होने का लालच देकर लोगों से निवेश करवाती है और बाद में अपना बोरियाबिस्तर समेट कर भाग जाती हैं। जानकारों का कहना है कि इन फर्जी कंपनियों को चिटफंड से रजिस्ट्रेशन मिलता है। इसके बाद इन्हें भारतीय रिजर्व बैंक से इस आधार पर निवेश का लाइसेंस मिलता है कि वह निवेश का पचास फीसदी धन राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा करवाएं। इसके उलट अधिकांश मामलों में पैसा करंट एकाउंट में जमा किया जाता है और भागने से पहले पैसा निकाल लिया जाता है। एसएलआर कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड ईजी वे संस्था फर्जी है क्योंकि निवेश का अधिकार सिर्फ आरबीआई देता है। शहर में चल रही चिटफंड कंपनियों में सत्तर के पास यह रजिस्ट्रेशन नहीं है। एक दो को छोड़कर सभी फर्जी हैं।
इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के प्रबंधक एसके अग्निहोत्री का कहना है कि एसएलआर कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर यह संस्थाएं पूरी तरह फर्जी हैं जो निवेशकों को बेवकूफ बनाकर पैसा ऐंठती हैं।
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दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा-एसपी
उरई(जालौन)। एसपी राकेश शंकर ने बताया कि ईजीवे चिटफंड से जुड़े दो आरोपी रमनदीप सिंह तथा करुणेंद्र निवासीगण द्वारिका नई दिल्ली को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। मुकदमे में वांछित अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा जो भी इस तरह के गोरखधंधे में संलिप्त है उनकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
लालच देने का काम युवतियों को
उरई(जालौन)। चिटफंड कंपनियों के ऑफिस में प्रवेश करने के पहले ही आपको फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलने वाली युवतियां मिलती हैं। यह रकम दोगुनी करने की लच्छेदार बातों में फंसाकर जल्द पैसा दोगुना होने का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठ लेती है। जो मुख्य कर्ताधर्ता होता है वह यदाकदा ही ब्रांच पर आता है। उनके गुर्गे ही उनका नेटवर्क चलाते हैं। कंपनी के संचालक जेजे सिंह व उनकी पत्नी पल्लवी शर्मा आज तक उरई नहीं आए लेकिन वह पांच करोड़ लेकर चंपत हो गए।
ठगों के साथ भी ठगी
उरई(जालौन)। संचालकों ने भले ही निवेशकों के पांच करोड़ ठग लिए हों लेकिन शहर के एक रैकेट ने उन्हें भी चूना लगा दिया। बताते चले कि जेजे सिंह के गुर्गे रमनदीप व करुणेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पैरोकारी से शहर के एक रैकेट ने उनसे संपर्क साधा और पुलिस से मदद दिलाने के नाम पर उनसे भी लाखों ठग लिए।
उरई(जालौन)। सावधान, अगर आप जल्द अमीर बनने के चक्कर में चिटफंड कंपनियों में पैसा जमा कर रहे हैं तो आपकी खून पसीने की कमाई कभी भी डूब सकती है। ऐसा ही किया है शहर के स्टेशन रोड पर चल रही कंपनी ईजी वे के संचालकों ने। वह जिले से तकरीबन पांच करोड़ रुपये लेकर चंपत हो गए हैं।
सोमवार को जब संवाददाता इन चिटफंड कंपनियों की हकीकत जानने निकला तो जो कुछ पता चला उससे वह सन्न रह गया। जिले में तकरीबन 70 चिटफंड कंपनी चल रही हैं जो कम समय में पैसा दोगुना होने का लालच देकर लोगों से निवेश करवाती है और बाद में अपना बोरियाबिस्तर समेट कर भाग जाती हैं। जानकारों का कहना है कि इन फर्जी कंपनियों को चिटफंड से रजिस्ट्रेशन मिलता है। इसके बाद इन्हें भारतीय रिजर्व बैंक से इस आधार पर निवेश का लाइसेंस मिलता है कि वह निवेश का पचास फीसदी धन राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा करवाएं। इसके उलट अधिकांश मामलों में पैसा करंट एकाउंट में जमा किया जाता है और भागने से पहले पैसा निकाल लिया जाता है। एसएलआर कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड ईजी वे संस्था फर्जी है क्योंकि निवेश का अधिकार सिर्फ आरबीआई देता है। शहर में चल रही चिटफंड कंपनियों में सत्तर के पास यह रजिस्ट्रेशन नहीं है। एक दो को छोड़कर सभी फर्जी हैं।
इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के प्रबंधक एसके अग्निहोत्री का कहना है कि एसएलआर कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर यह संस्थाएं पूरी तरह फर्जी हैं जो निवेशकों को बेवकूफ बनाकर पैसा ऐंठती हैं।
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दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा-एसपी
उरई(जालौन)। एसपी राकेश शंकर ने बताया कि ईजीवे चिटफंड से जुड़े दो आरोपी रमनदीप सिंह तथा करुणेंद्र निवासीगण द्वारिका नई दिल्ली को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। मुकदमे में वांछित अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा जो भी इस तरह के गोरखधंधे में संलिप्त है उनकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
लालच देने का काम युवतियों को
उरई(जालौन)। चिटफंड कंपनियों के ऑफिस में प्रवेश करने के पहले ही आपको फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलने वाली युवतियां मिलती हैं। यह रकम दोगुनी करने की लच्छेदार बातों में फंसाकर जल्द पैसा दोगुना होने का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठ लेती है। जो मुख्य कर्ताधर्ता होता है वह यदाकदा ही ब्रांच पर आता है। उनके गुर्गे ही उनका नेटवर्क चलाते हैं। कंपनी के संचालक जेजे सिंह व उनकी पत्नी पल्लवी शर्मा आज तक उरई नहीं आए लेकिन वह पांच करोड़ लेकर चंपत हो गए।
ठगों के साथ भी ठगी
उरई(जालौन)। संचालकों ने भले ही निवेशकों के पांच करोड़ ठग लिए हों लेकिन शहर के एक रैकेट ने उन्हें भी चूना लगा दिया। बताते चले कि जेजे सिंह के गुर्गे रमनदीप व करुणेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पैरोकारी से शहर के एक रैकेट ने उनसे संपर्क साधा और पुलिस से मदद दिलाने के नाम पर उनसे भी लाखों ठग लिए।