कोंच (जालौन)। सारा नगर इस वक्त सीवर समस्या से परेशान है। कोंच को चार दशक पूर्व वरदान के रूप में मिली सीवेज योजना आज की स्थिति में नगर के लिये अभिशाप बन गई है। इस समस्या का अधिकारियों को कोई इलाज नहीं सूझ रहा है। इससे नागरिकों में गुस्सा व्याप्त है।
अस्सी के दशक में कोंच को सीवेज व्यवस्था शासन द्वारा प्रदत्त की गई थी। नगर में लगभग चालीस किमी सीवर लाइनें बिछी हैं। बढ़ती आबादी के साथ इस सीवेज व्यवस्था के रखरखाव के संसाधन तेजी से घटते चले गए और अब इसकी स्थिति लाइलाज बन गई है। कई जगह अंडरग्राउंड लाइनें बर्स्ट हो चुकी हैं तो दर्जनों जगह चोक हो जाने के कारण गंदगी आगे नहीं बढ़ पा रही है। इससे पूरा नगर ओवरफ्लो हो रहे चैंबर की चपेट में है। दर्जनों चैंबर पाइपों के अंदर की गंदगी को खुली सड़कों पर उगल रहे हैं।
मुहल्ला गोखले नगर, मालवीय नगर, लाजपत नगर, गांधीनगर, प्रताप नगर, तिलक नगर और जवाहर नगर समेत अधिकांश इलाकों में गंदगी से लोगों का जीना मुहाल है। भुंजरया चौराहे से निकलना दूभर है। नईबस्ती में सिद्धेश्वर मंदिर के दरवाजे पर गंदगी होने से श्रद्धालु उसी गंदगी से होकर जाने को मजबूर हैं। इस स्थिति को लेकर इलाकाई बाशिंदों में जबर्दस्त गुस्सा है और कई बार वे इसे लेकर अधिकारियों के यहां दस्तक भी दे चुके हैं लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। सुरेंद्र अग्रवाल, घनश्यामदास अग्रवाल, श्याममोहन रिछारिया, हरी किशुन कुशवाहा, अनिल पटेल, विवेक लाक्षकार, यशोदा नंदन अग्रवाल, रूचिर रस्तोगी, धर्मेंद्र यादव आदि नागरिकों ने जिलाधिकारी और जल संस्थान के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि नगर भर की इस समस्या का समाधान कराया जाए।
वर्जन : हमारे पास बजट न होने से नियमित सफाई नहीं हो पाती। जो व्यवस्था है उससे कराने का प्रयास किया जाता है। लाइनें चालीस साल पुरानी होने से ज्यादा डैमेज हो गई हैं। - एसके पांडेय, सहायक अभियंता
इंसेट में-
एक्सपायर हो चुकी है सीवेज
कोंच। कोंच की सीवेज व्यवस्था एक्सपायर हो चुकी है। बताना समीचीन होगा कि जल संस्थान के ही एक उच्च अधिकारी ने इस समस्या को लेकर कुछ दिनों पूर्व सार्वजनिक रूप से यह बताया था कि कोंच में सीवर लाइन बिछे चालीस साल से ऊपर हो चुके हैं और उनका विभाग इतने लंबे समय में सीवर व्यवस्था को एक्सपायर मान लेता है लिहाजा इसके पुनर्गठन की आवश्यकता है। तकरीबन डेढ़ साल पूर्व जल संस्थान के एक अधिकारी ने उरई से आकर कोंच कोतवाली में नागरिकों के साथ वार्ता कर रहे जिलाधिकारी के समक्ष यह बताया था कि सीवर के पुनर्गठन का प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा जा चुका है। हालांकि कोंच पालिका में एक प्रस्ताव सीवर जैटिंग मशीन की खरीद का जरूर पास हुआ है जो प्रोसेस में है।
कोंच (जालौन)। सारा नगर इस वक्त सीवर समस्या से परेशान है। कोंच को चार दशक पूर्व वरदान के रूप में मिली सीवेज योजना आज की स्थिति में नगर के लिये अभिशाप बन गई है। इस समस्या का अधिकारियों को कोई इलाज नहीं सूझ रहा है। इससे नागरिकों में गुस्सा व्याप्त है।
अस्सी के दशक में कोंच को सीवेज व्यवस्था शासन द्वारा प्रदत्त की गई थी। नगर में लगभग चालीस किमी सीवर लाइनें बिछी हैं। बढ़ती आबादी के साथ इस सीवेज व्यवस्था के रखरखाव के संसाधन तेजी से घटते चले गए और अब इसकी स्थिति लाइलाज बन गई है। कई जगह अंडरग्राउंड लाइनें बर्स्ट हो चुकी हैं तो दर्जनों जगह चोक हो जाने के कारण गंदगी आगे नहीं बढ़ पा रही है। इससे पूरा नगर ओवरफ्लो हो रहे चैंबर की चपेट में है। दर्जनों चैंबर पाइपों के अंदर की गंदगी को खुली सड़कों पर उगल रहे हैं।
मुहल्ला गोखले नगर, मालवीय नगर, लाजपत नगर, गांधीनगर, प्रताप नगर, तिलक नगर और जवाहर नगर समेत अधिकांश इलाकों में गंदगी से लोगों का जीना मुहाल है। भुंजरया चौराहे से निकलना दूभर है। नईबस्ती में सिद्धेश्वर मंदिर के दरवाजे पर गंदगी होने से श्रद्धालु उसी गंदगी से होकर जाने को मजबूर हैं। इस स्थिति को लेकर इलाकाई बाशिंदों में जबर्दस्त गुस्सा है और कई बार वे इसे लेकर अधिकारियों के यहां दस्तक भी दे चुके हैं लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। सुरेंद्र अग्रवाल, घनश्यामदास अग्रवाल, श्याममोहन रिछारिया, हरी किशुन कुशवाहा, अनिल पटेल, विवेक लाक्षकार, यशोदा नंदन अग्रवाल, रूचिर रस्तोगी, धर्मेंद्र यादव आदि नागरिकों ने जिलाधिकारी और जल संस्थान के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि नगर भर की इस समस्या का समाधान कराया जाए।
वर्जन : हमारे पास बजट न होने से नियमित सफाई नहीं हो पाती। जो व्यवस्था है उससे कराने का प्रयास किया जाता है। लाइनें चालीस साल पुरानी होने से ज्यादा डैमेज हो गई हैं। - एसके पांडेय, सहायक अभियंता
इंसेट में-
एक्सपायर हो चुकी है सीवेज
कोंच। कोंच की सीवेज व्यवस्था एक्सपायर हो चुकी है। बताना समीचीन होगा कि जल संस्थान के ही एक उच्च अधिकारी ने इस समस्या को लेकर कुछ दिनों पूर्व सार्वजनिक रूप से यह बताया था कि कोंच में सीवर लाइन बिछे चालीस साल से ऊपर हो चुके हैं और उनका विभाग इतने लंबे समय में सीवर व्यवस्था को एक्सपायर मान लेता है लिहाजा इसके पुनर्गठन की आवश्यकता है। तकरीबन डेढ़ साल पूर्व जल संस्थान के एक अधिकारी ने उरई से आकर कोंच कोतवाली में नागरिकों के साथ वार्ता कर रहे जिलाधिकारी के समक्ष यह बताया था कि सीवर के पुनर्गठन का प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा जा चुका है। हालांकि कोंच पालिका में एक प्रस्ताव सीवर जैटिंग मशीन की खरीद का जरूर पास हुआ है जो प्रोसेस में है।