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माधौगढ़ में एक तिहाई क्षेत्रों में हुई आलू की बुआई
Jalaun
Updated Fri, 12 Oct 2012 12:00 PM IST
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कहीं भी, कभी भी।
माधौगढ़ (जालौैन)। तहसील माधौगढ़ क्षेत्र आलू की पैदावार के लिए मशहूर है। इस बार आलू के बीज के दाम आसमान पर होने से आलू किसानों के सामने बोने की समस्या हो गई है। किसानों का आरोप है कि इस वित्तीय वर्ष से आलू का बीज ढाई गुना होने से बुवाई का क्षेत्र एक तिहाई रह जाएगा जिससे आलू का संकट बरकरार रहेगा।
माधौगढ़ क्षेत्र आलू, गन्ना के लिए अरसे से मशूहर है। क्षेत्र में आलू का अधिक उत्पादन उत्पादन होता है जिससे औरैया, जालौन, उरई, मछंड, लहर, भिंड के व्यापारी माधौगढ़ आकर सैकड़ों कुंतल आलू ले जाते हैं, इस बार आलू बीज के दाम आसमान पर होने से आलू किसानों के सामने मुसीबत खड़ी कर रहा है। किसान राजू गुप्ता, प्रकाश सिंह, मनोज मास्टर, बाबू तोमर किसानों का कहना है कि हर वर्ष बीस बीघा से तीस बीघा आलू बोते थे परंतु इस बार आलू का बीज ढाई गुना महंगा, खाद, बुवाई महंगी कि चलते आलू अधिक क्षेत्र में बोने में दिक्कत आ रही है। आलू बीज के व्यापारी विनय कुमार सिंह, सतीश गुप्ता, बृजकिशोर सोनी, रामबाबू, लखन रेजा, पप्पू आदि का कहना है कि हर वर्ष हम लोगों के यहां से 2500 कुंतल आलू बीज की बिक्री हो जाती थी जो अक्तूबर के पहले सप्ताह से बिक्री जोरों पर हो जाती थी परंतु आलू बीज के दाम अधिक होने से बिक्री अच्छी नहीं हो पाई है। साथ ही इस बार एक तिहाई 800 कुंतल बीज बिकने के आसार हैं।
इनसेट
एक बीघे में आता 5200 रुपए खर्च
माधौगढ़। एक बीघा में आलू बुवाई में लागत सहित 5200 रुपए खर्च आ रहा है। जिसमें 2600 रुपए बीज, 1000 रुपए की डीएपी, 315 रुपए की यूरिया, 10 किलो पोटास 160 रुपए, दो किलो जिंस 100 रुपए, बुवाई 325 रुपए, मिट्टी चढ़ाई 400 रुपए, चार पानी सहित 400 रुपए सहित 5200 रुपए खर्च होते हैं जिसमें एक बीघे 50 से 40 कुंतल आलू की पैदावार होती है।
इनसेट
क्षेत्र के अधिकांश गांवों में होती आलू की पैदावार
माधौगढ़। क्षेत्र के आलू उत्पादन के लिए मशूहर गांव हरौली में 400 बीघा, सुल्तानपुरा 400 बीघा, कैलोर में 200 बीघा,बिरिया में 150 बीघा, माधौगढ़ में 500 बीघा, सुरपतिपुरा में 250बीघा, ऊमरी में 400 बीघा, धमना में 100 बीघा, चितौरा में 50 बीघा, कुरौती में 60 बीघा, हैदलपुरा में 50 बीघा, जमरेही में 40 बीघा, मिझौना में 50 बीघा, अटागांव में 50 बीघा, सिहारी में 60 बीघा खेतों में आलू की बुवाई होती है।
माधौगढ़ (जालौैन)। तहसील माधौगढ़ क्षेत्र आलू की पैदावार के लिए मशहूर है। इस बार आलू के बीज के दाम आसमान पर होने से आलू किसानों के सामने बोने की समस्या हो गई है। किसानों का आरोप है कि इस वित्तीय वर्ष से आलू का बीज ढाई गुना होने से बुवाई का क्षेत्र एक तिहाई रह जाएगा जिससे आलू का संकट बरकरार रहेगा।
माधौगढ़ क्षेत्र आलू, गन्ना के लिए अरसे से मशूहर है। क्षेत्र में आलू का अधिक उत्पादन उत्पादन होता है जिससे औरैया, जालौन, उरई, मछंड, लहर, भिंड के व्यापारी माधौगढ़ आकर सैकड़ों कुंतल आलू ले जाते हैं, इस बार आलू बीज के दाम आसमान पर होने से आलू किसानों के सामने मुसीबत खड़ी कर रहा है। किसान राजू गुप्ता, प्रकाश सिंह, मनोज मास्टर, बाबू तोमर किसानों का कहना है कि हर वर्ष बीस बीघा से तीस बीघा आलू बोते थे परंतु इस बार आलू का बीज ढाई गुना महंगा, खाद, बुवाई महंगी कि चलते आलू अधिक क्षेत्र में बोने में दिक्कत आ रही है। आलू बीज के व्यापारी विनय कुमार सिंह, सतीश गुप्ता, बृजकिशोर सोनी, रामबाबू, लखन रेजा, पप्पू आदि का कहना है कि हर वर्ष हम लोगों के यहां से 2500 कुंतल आलू बीज की बिक्री हो जाती थी जो अक्तूबर के पहले सप्ताह से बिक्री जोरों पर हो जाती थी परंतु आलू बीज के दाम अधिक होने से बिक्री अच्छी नहीं हो पाई है। साथ ही इस बार एक तिहाई 800 कुंतल बीज बिकने के आसार हैं।
इनसेट
एक बीघे में आता 5200 रुपए खर्च
माधौगढ़। एक बीघा में आलू बुवाई में लागत सहित 5200 रुपए खर्च आ रहा है। जिसमें 2600 रुपए बीज, 1000 रुपए की डीएपी, 315 रुपए की यूरिया, 10 किलो पोटास 160 रुपए, दो किलो जिंस 100 रुपए, बुवाई 325 रुपए, मिट्टी चढ़ाई 400 रुपए, चार पानी सहित 400 रुपए सहित 5200 रुपए खर्च होते हैं जिसमें एक बीघे 50 से 40 कुंतल आलू की पैदावार होती है।
इनसेट
क्षेत्र के अधिकांश गांवों में होती आलू की पैदावार
माधौगढ़। क्षेत्र के आलू उत्पादन के लिए मशूहर गांव हरौली में 400 बीघा, सुल्तानपुरा 400 बीघा, कैलोर में 200 बीघा,बिरिया में 150 बीघा, माधौगढ़ में 500 बीघा, सुरपतिपुरा में 250बीघा, ऊमरी में 400 बीघा, धमना में 100 बीघा, चितौरा में 50 बीघा, कुरौती में 60 बीघा, हैदलपुरा में 50 बीघा, जमरेही में 40 बीघा, मिझौना में 50 बीघा, अटागांव में 50 बीघा, सिहारी में 60 बीघा खेतों में आलू की बुवाई होती है।