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Hathras News: समय के साथ आधुनिक हो रही पुलिस, पर भाषा अंग्रेजों के जमाने की, हो रहे उर्दू-फारसी शब्द इस्तेमाल
लकी शर्मा, अमर उजाला, हाथरस
Published by: चमन शर्मा
Updated Mon, 05 Jun 2023 05:09 AM IST
उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार हाईटेक होती जा रही है। अब पुलिस के पास एंड्रायड मोबाइल, टेबलेट से लेकर कंप्यूटर तक हैं। पुलिस विभाग द्वारा नए एप भी लांच किए गए हैं। इसके बावजूद पुलिस की भाषा अभी भी अंग्रेजों के जमाने की है।
समय के साथ पुलिस भी हाईटेक हो गई है। अब थानों में कंप्यूटर से लेकर पुलिस विभाग द्वारा नए नए मोबाइल एक शुरू किए गए हैं। इसके बावजूद आज भी पुलिस द्वारा जनरल डायरी से केस डायरी तक लिखने में उर्दू और फारसी के मुश्किल शब्दों का प्रयोग किया जाता है। इन शब्दों का मतलब समझने के लिए आम आदमी को अधिवक्ताओं का सहारा लेना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार हाईटेक होती जा रही है। अब पुलिस के पास एंड्रायड मोबाइल, टेबलेट से लेकर कंप्यूटर तक हैं। पुलिस विभाग द्वारा नए एप भी लांच किए गए हैं। इसके बावजूद पुलिस की भाषा अभी भी अंग्रेजों के जमाने की है। जनरल डायरी से केस डायरी तक में उर्दू और फारसी शब्दों का अधिक प्रयोग हो रहा है। यह शब्द लोगों की समझ में नहीं आते हैं।
लोगों को एफआईआर, पुलिस के विवेचना के कागज पढ़ने में परेशानी होती है। लोगों को अनुवादकों या किसी अधिवक्ताओं की मदद लेनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने गत दिनों एक आदेश पारित किया था। जिसमें उर्दू और फारसी के शब्दों के प्रयोग की जगह आसान हिंदी शब्द लिखने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। मगर, उत्तर प्रदेश पुलिस अंग्रेजों के समय वाली भाषा ही लिख रही है।
यह हैं उर्दू व फारसी के शब्द व उनके मतलब
फर्द : उर्दू : ज्ञाप्ति सूची
फर्द बरामदगी : बरामद सामान की सूची
फर्द हवालगी : हवाले करने की सूची
तामीला : पालन करना
तस्दीक : सत्यापित
अदम तहरीर : जांच की प्रक्रिया में
रुखसत : रवाना किया जाना।
मुजरिम : अपराधी
अदम शनाख्त : शिनाख्त नहीं होना।
अदम तामील : पता सत्यापित नहीं हुआ।
मजरूब : जख्मी, घायल
नामजद : नामित
नजरी : आंखों देखा।
नजरबंद : रोके रखना, कैद करना
वारदात : घटना
आमद : फारसी : आना
मुखबिर : फारसी : गुप्तचर
कलमबंद : फारसी : बयान लिखना
पाकसाफ : फारसी : मुल्जिम को गिरफ्तारी के समय देखा गया, कोई चोट का निशान नहीं था
पुलिस में जो भाषा प्रयोग की जा रही है वह अरबी व फारसी भाषा अंग्रेजों के जमाने की है। समय परिवर्तनशील है। समय के साथ पुलिस की लिखने-पढ़ने की भाषा में भी परिवर्तन आना चाहिए। केस डायरी लेखन का फोंट भी बड़ा होना चाहिए। - हरीश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता
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