संवाद न्यूज एजेंसी, सासनी।
जो नारी का सम्मान नहीं करता वह मर्द नहीं है। हर आदमी को नारी का सम्मान करना चाहिए। ये बातें अपराजिता- 100 मिलियन स्माइल्स के तहत आयोजित संगोष्ठी में छात्रा करिश्मा ने कही। छात्रा ने अपने काव्यपाठ में के जरिए पुरुष प्रधान समाज पर कटाक्ष किया। छात्रा मुस्कान ने काव्यपाठ करते हुए कहा कि बेटी का कोई मान नहीं, बेटा का सम्मान है।
शिक्षक अशोक कुमार ने काव्यपाठ करते हुए कहा कि बेटा बेटा सब कहे बेटी कहे न कोई। शिक्षक ने कविता के माध्यम से समाज को बताया कि बेटी बेटा एक समान है। नारी की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखना चाहिए। जिस घर में नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते है। छात्रा निशा ने कन्या भ्रूण हत्या, विनीता ने यातायात के नियमों की व्याख्या की। खुशबू ने जल की बर्बादी पर अंकुश लगाने की प्रेरणा दी। इनके अलावा शीला, अंजली, शालिनी ने नारी सशक्तीकरण पर अपने अपने विचार रखे।
कस्बा के विद्यापीठ इंटर कालेज में आयोजित अपराजिता कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव अग्रवाल व संचालन शिक्षक अशोक कुमार ने किया। यज्ञदत्त शर्मा, संजय यादव, सुधा शर्मा, रजनी, नीरज अग्रवाल अतिथि के रूप में मंचासीन थे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि नारी सम्मान का प्रतीक है। मनुष्य के विकास में नारी का महत्वपूर्ण योगदान है। लड़की, लड़के में कोई अंतर नहीं करना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री ने भी बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा दिया था। बेटियों के कदम घर की चौखट के बाहर रखने से समाज का उत्थान हुआ है। मैं अमर उजाला द्वारा चलाए जा रहे अपराजिता अभियान का आभारी हूं जिसने महिलाओं के प्रति समाज को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। मौके पर मदनमोहन, महेंद्र सिंह सैनी, मुकेश दिवाकर, विनय कुमार एवं विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थीं।