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सूर्य के सामने बिंदी के आकार में दिखे शुक्र देव
Hathras
Updated Thu, 07 Jun 2012 12:00 PM IST
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हाथरस। शुक्र पारगमन की अद्भुत खगोलीय घटना को लेकर लोगों में खासी उत्सुकता रही। हर कोई ऐसा दुर्लभ नजारे को अपनी आंखों से देखना चाहता था। लिहाजा सुबह से ही शहर के लोग खुले में आ गए और अपने-अपने तरीके से इस सालों बाद हो रही इस खगोलीय घटना को देखने की कोशिश करने लगे। किसी ने काले चश्मे तो किसी ने दूरबीन के जरिए इस दुर्लभ नजारे को निहारा। ज्यादातर लोगों ने सुबह 6.30 से 07 बजे के बीच ही इस घटना को देख लिया, क्याेंकि उस समय सूर्य की चमक ज्यादा नहीं फैली थी। उसके बाद तो लोग टीवी चैनलों पर ही इस नजारे को देख पाए। इस खास नजारे को देखकर लोग बेहद रोमांचित और खुश थे और आपस में एक-दूसरे के अनुभव भी साझा कर रहे थे। इस घटना के बाद अब लोगों में इसके प्रभाव और दुष्प्रभावों को लेकर मंथन शुरू हो गया है। लोग इसके लिए विद्वानों और ज्योतिषियाें से भी सलाह-मशविरा कर रहे हैं। इस घटना को देखकर वह सभी खुश थे, क्याेंकि वह शायद ही दुबारा इस दृश्य को देख पाएंगे। जिला विज्ञान क्लब ने इस खगोलीय घटना को बागला इंटर कॉलेज में दिखाने का इंतजाम किया था। क्लब ने सोलर लैंसों की मदद से लोगों को इस घटना का अवलोकन कराया। सुबह से ही दुर्लभ अद्भुत घटना को देखने के लिए बागला इंटर कॉलेज में बच्चों और युवाओं की भीड़ जमा हो गई। तहसील सिकंदराराऊ, सासनी व सादाबाद से भी काफी शिक्षक और छात्र इस घटना को देखने के लिए यहां पहुुंचे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉॅ. केपी सिंह ने किया। क्लब के जिला समन्वयक सीपी सिंह ने सभी लोगाें को पहले इस घटना के बारे में समझाया और जरूरी सावधानियां बरतने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि शुक्र पारगमन जोड़ों में होता है। प्रत्येक जोड़े के बीच 8 साल का अंतर होता है। डॉ. एसपी सिंह, जयशंकर सारस्वत, संजय सेंगर, डॉ. श्याम सिंह ने भी इस घटना के बारे में जानकारी दी।
हाथरस। शुक्र पारगमन की अद्भुत खगोलीय घटना को लेकर लोगों में खासी उत्सुकता रही। हर कोई ऐसा दुर्लभ नजारे को अपनी आंखों से देखना चाहता था। लिहाजा सुबह से ही शहर के लोग खुले में आ गए और अपने-अपने तरीके से इस सालों बाद हो रही इस खगोलीय घटना को देखने की कोशिश करने लगे। किसी ने काले चश्मे तो किसी ने दूरबीन के जरिए इस दुर्लभ नजारे को निहारा। ज्यादातर लोगों ने सुबह 6.30 से 07 बजे के बीच ही इस घटना को देख लिया, क्याेंकि उस समय सूर्य की चमक ज्यादा नहीं फैली थी। उसके बाद तो लोग टीवी चैनलों पर ही इस नजारे को देख पाए। इस खास नजारे को देखकर लोग बेहद रोमांचित और खुश थे और आपस में एक-दूसरे के अनुभव भी साझा कर रहे थे। इस घटना के बाद अब लोगों में इसके प्रभाव और दुष्प्रभावों को लेकर मंथन शुरू हो गया है। लोग इसके लिए विद्वानों और ज्योतिषियाें से भी सलाह-मशविरा कर रहे हैं। इस घटना को देखकर वह सभी खुश थे, क्याेंकि वह शायद ही दुबारा इस दृश्य को देख पाएंगे। जिला विज्ञान क्लब ने इस खगोलीय घटना को बागला इंटर कॉलेज में दिखाने का इंतजाम किया था। क्लब ने सोलर लैंसों की मदद से लोगों को इस घटना का अवलोकन कराया। सुबह से ही दुर्लभ अद्भुत घटना को देखने के लिए बागला इंटर कॉलेज में बच्चों और युवाओं की भीड़ जमा हो गई। तहसील सिकंदराराऊ, सासनी व सादाबाद से भी काफी शिक्षक और छात्र इस घटना को देखने के लिए यहां पहुुंचे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉॅ. केपी सिंह ने किया। क्लब के जिला समन्वयक सीपी सिंह ने सभी लोगाें को पहले इस घटना के बारे में समझाया और जरूरी सावधानियां बरतने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि शुक्र पारगमन जोड़ों में होता है। प्रत्येक जोड़े के बीच 8 साल का अंतर होता है। डॉ. एसपी सिंह, जयशंकर सारस्वत, संजय सेंगर, डॉ. श्याम सिंह ने भी इस घटना के बारे में जानकारी दी।
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