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गैस संकट पर टूटी प्रशासन की नींद
Hathras
Updated Tue, 05 Jun 2012 12:00 PM IST
हाथरस। रसोई गैस की किल्लत पर एक बार फिर प्रशासन की नींद टूटी है। इस ज्वलंत समस्या से निपटने के लिए प्रशासन एक बार फिर गैस एजेंसियों को नियम-कानूनों का पाठ पढ़ाकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री करना चाहता है। तभी तो प्रशासन ने गैस संकट पर ठोस कार्रवाई करने की बजाय फिर से गैस एजेंसियों और उनके सेल्स आफिसरों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। इसमें रसोई गैस की किल्लत के कारण खोजे जाएंगे और एजेंसियों व उनके अफसरों को इस समस्या को दूर करने की नसीहत दी जाएगी। हालांकि प्रशासन ने पहले भी इस तरह की पहल की थी, लेकिन उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली थी। पिछले कई महीनों से शहर में रसोई गैस की किल्लत उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनी है। उपभोक्ताओं को जरूरत के हिसाब से एक अदद भी रीफिल उपलब्ध नहीं हो पा रही। घंटों गोदामों पर लाइन में लगने और एजेंसियों के शोरूमों पर हाय-तौबा मचाने के बावजूद उपभोक्ताओं को रीफिल नसीब नहीं हो रही। एक-एक महीने पहले बुकिंग कराने के बावजूद उपभोक्ता रीफिल के लिए चक्कर काटने को मजबूर हैं, जबकि उनकी आंखों के सामने ब्लैकिये मनमाफिक रीफिल ले जाते हैं। कई बार एजेंसियों पर इस मनमानी को लेकर हंगामा भी हो चुका है। बावजूद इसके हालाताें में कोई सुधार नहीं हुआ है और न हीं जिला प्रशासन ने उपभोक्ताओं को इस समस्या से निजात दिलाने का प्रयास किया है। हालांकि तत्कालीन डीएम ने इस बारे में गैस एजेंसियों के संचालक और उनके सेल्स आफीसरों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया था। उनका तबादला होने के बाद यह बैठक टाल दी गई। अब नई डीएम ने फिर इस बारे में बैठक करने का निर्णय लिया है। एडीएम की अध्यक्षता में यह बैठक 6 जून को शाम चार बजे से कलक्ट्रेट में होगी, जिसमें सभी गैस एजेंसी, कंपनियों के सेल्स आफीसर, होटल, रेस्तरां और ढाबा मालिकों को भी बुलाया गया है, लेकिन सवाल यह है कि कहीं यह बैठक भी केवल नसीहतों तक ही सिमटकर न रह जाए।
हाथरस। रसोई गैस की किल्लत पर एक बार फिर प्रशासन की नींद टूटी है। इस ज्वलंत समस्या से निपटने के लिए प्रशासन एक बार फिर गैस एजेंसियों को नियम-कानूनों का पाठ पढ़ाकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री करना चाहता है। तभी तो प्रशासन ने गैस संकट पर ठोस कार्रवाई करने की बजाय फिर से गैस एजेंसियों और उनके सेल्स आफिसरों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। इसमें रसोई गैस की किल्लत के कारण खोजे जाएंगे और एजेंसियों व उनके अफसरों को इस समस्या को दूर करने की नसीहत दी जाएगी। हालांकि प्रशासन ने पहले भी इस तरह की पहल की थी, लेकिन उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली थी। पिछले कई महीनों से शहर में रसोई गैस की किल्लत उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनी है। उपभोक्ताओं को जरूरत के हिसाब से एक अदद भी रीफिल उपलब्ध नहीं हो पा रही। घंटों गोदामों पर लाइन में लगने और एजेंसियों के शोरूमों पर हाय-तौबा मचाने के बावजूद उपभोक्ताओं को रीफिल नसीब नहीं हो रही। एक-एक महीने पहले बुकिंग कराने के बावजूद उपभोक्ता रीफिल के लिए चक्कर काटने को मजबूर हैं, जबकि उनकी आंखों के सामने ब्लैकिये मनमाफिक रीफिल ले जाते हैं। कई बार एजेंसियों पर इस मनमानी को लेकर हंगामा भी हो चुका है। बावजूद इसके हालाताें में कोई सुधार नहीं हुआ है और न हीं जिला प्रशासन ने उपभोक्ताओं को इस समस्या से निजात दिलाने का प्रयास किया है। हालांकि तत्कालीन डीएम ने इस बारे में गैस एजेंसियों के संचालक और उनके सेल्स आफीसरों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया था। उनका तबादला होने के बाद यह बैठक टाल दी गई। अब नई डीएम ने फिर इस बारे में बैठक करने का निर्णय लिया है। एडीएम की अध्यक्षता में यह बैठक 6 जून को शाम चार बजे से कलक्ट्रेट में होगी, जिसमें सभी गैस एजेंसी, कंपनियों के सेल्स आफीसर, होटल, रेस्तरां और ढाबा मालिकों को भी बुलाया गया है, लेकिन सवाल यह है कि कहीं यह बैठक भी केवल नसीहतों तक ही सिमटकर न रह जाए।