हाथरस। यूपी सरकार के बजट से व्यापारियों के लिए इस बार भी कोई रियायत नहीं निकली। मंडी शुल्क और वैट में रियायत की आस लगाए बैठे व्यापारियों और आम पब्लिक को इससे मायूसी ही मिली है, जबकि व्यापारियों की मानें तो यदि इन टैक्सों में रियायत मिली होती तो इससे महंगाई में निश्चित रूप से कमी आती और खाने-पीने की चीजों के दाम भी कम हो सकते थे, जिसका सीधा आम आदमी और मध्यम वर्गीय तबके को मिलता, लेकिन इस सबसे बड़ी जरूरत की सरकार ने अनदेखी कर दी है। वायदे के मुताबिक सरकार ने पेट्रोल पर भी वैट में कोई रियायत नहीं दी, जिससे सूबे की जनता को हाल ही में महंगाई की मार से राहत मिलने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। हालांकि युवाआें और किसानों के साथ गरीब तबके के लिए शहरी आवास योजना को नाम बदलकर दुबारा चालू किए जाने से जरूर लोगों ने खुशी जताई है। यूपी के इस बजट पर अमर उजाला ने हर तबके की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की।