सादाबाद/हाथरस। बैंकों में लोन हड़पने का एक बड़ा रैकेट सक्रिय हो गया है। देहात में यह रैकेट लगातार भोले-भाले लोगों को चूना लगा रहा है। स्थिति यह है कि लोन के लिए आवेदन कोई करता है और फर्जीवाड़े से लोन कोई और हजम कर जाता है। सादाबाद के मई में फिर इसी तरह का एक मामला सामने आया है। एक ग्रामीण के नाम पर 9.60 लाख रुपये का लोन कोई और हड़प ले गया। हालांकि अभी मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा है। जिस तरह से ये घटनाएं हो रही हैं, उससे आशंका यही जताई जा रही है कि इस रैकेट में कुछ बैंककर्मी भी शामिल हैं। इधर, बैंक प्रबंधक से भी इस मामले में बात नहीं हो पाई। सादाबाद के गांव मई निवासी कालीचरन के बेटे राहुल ने जिला उद्योग केंद्र की एक योजना के तहत लोन के लिए अपने ही गांव की एक बैंक में एक फर्नीचर की दुकान के लिए आवेदन किया था। राहुल के परिजनों के मुताबिक, पिछले दिनों राहुल ने लोन के लिए कस्बे की एक बैंक की शाखा के अफसरों को हस्ताक्षर किए दो ब्लैंक चेक दिए। दो दिन पहले जब राहुल अपने लोन के सिलसिले में बैंक गया तो असलियत जानकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। वहां उसे पता चला कि एक चेक से 4 लाख और दूसरे से 2.60 लाख रुपये निकाले गए। इतना ही नहीं, तीन लाख रुपये डीडी के माध्यम से भी निकाले गए। यानि कुल 9.60 लाख रुपये निकाल लिए गए। बैंक से यह पैसा निकाला तो राहुल के नाम गया, लेकिन उसके तक नहीं पहुंचा। उसे बैंक ने अपना कर्जदार बना दिया। इस घटना की जानकारी मिलने पर राहुल के अन्य परिजन भी बैंक पहुंचे और मामले की शिकायत अधिकारियों से की। राहुल के बडे़ भाई हरेंद्र का कहना है कि इस पूरे घपले की शिकायत बैंक अधिकारियों से कर दी गई है और अब थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। उसका आरोप है कि बैंक में पूरा काम दलालों के माध्यम से होता है और उनके परिवार को ठगी का शिकार बनाया गया है। गौर हो कि इसी बैंक में चार दिन पहले मिढ़ावली के माजरा पोलरा निवासी छिद्दा पुत्र जोती के नाम किसी और ने फर्जी कागजात से पांच लाख रुपये का कर्ज ले लिया था। उसको इसका पता तब चला था, जब उस पर बैंक के कर्ज अदायगी का नोटिस पहुंचा। किसान ने इस मामले की शिकायत थाने में की थी। अब इसी बैंक में लोन के नाम पर एक और ग्रामीण को 9.60 लाख का चूना लगाए जाने से यह स्पष्ट हो गया है कि रैकेट सक्रिय है और निश्चित ही कुछ अन्य जालसाजी की घटनाएं भी की होंगी।