सिकंदराराऊ। गांव नगला बख्शी में दहेज डेढ़ लाख रुपये की डिमांड पूरी न होने पर ससुराल वालों ने नवविवाहिता की हत्या कर शव को फंदे पर लटका दिया। ससुराल वालों ने हत्या को खुदकुशी का रूप देने के लिए छत का पत्थर काट डाला। हत्या के बाद ससुराल वाले घर छोड़कर भाग गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हाथरस भेज दिया है। एटा के गांव वीरवनी निवासी अनोखेलाल अहेरिया ने अपनी बेटी आशा की शादी 11 माह पूर्व गांव नगला बख्शी निवासी राजू से की थी। शादी में बाइक के अलावा काफी दान दहेज दिया था। मृतका के चाचा रामेश्वर ने बताया कि शादी के बाद से ही आशा के ससुराल वाले डेढ़ लाख रुपये की डिमांड करने लगे। आशा का पिता इतनी रकम देने में असमर्थ था। इस पर ससुराल वालों ने उसे मायके भेज दिया। आशा ने मां को बताया कि रुपये न देने पर राजू उसके हाथ का खाना भी नहीं खाता है। अगर रुपये नहीं दिए तो ससुराल वाले उसकी हत्या कर सकते हैं। हालांकि पिता के समझाने के बाद कुछ माह पूर्व आशा पुन: ससुराल आ गई। सोमवार को आशा के कमरे की किबाड़ अंदर से बंद थी। सास बर्फी देवी के अनुसार, उसने किबाड़ खटखटाई, लेकिन नहीं खुले। किबाड़ों की झिरी से झांकर कर देखा तो आशा का शव छत पर लगे फंदे पर झूल रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारा। सूचना पर पहुंचे मायके वालों ने देखा कि छत में लगा एक पत्थर बीच से चटका था। छत पर जोकर देखा तो पाया कि पत्थर के ऊपर से मिट्टी हटा कर उसे पुन: लगाया गया। आरोप है कि आशा की हत्या करने के पश्चात मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए छत का पत्थर निकाला गया और शव को लटका कर पत्थर को सेंट कर दिया। विवाहिता की हत्या करने के बाद ससुराल वाले भाग गए। घर में केवल मृतका की बुजुर्ग सास बर्फी देवी थी। पुलिस सास को गिरफ्तार कर कोतवाली ले आई। मृतका का पिता दिल्ली में काम करता है, उसका इंतजार किया जा रहा है। पुलिस ने शव को सील कर पोस्टमार्टम के लिए हाथरस भेजा है। बता दें कि दहेज हत्या के मामले में मजिस्ट्रेट घटनास्थल पर पहुंच कर पंचनामा भरवाते हैं। एसडीएम ने नायब तहसीलदार को वहां जाने के निर्देश दिए, लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी नायब तहसीलदार घटनास्थल पर नहीं पहुंचेे।