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24 घंटे बिजली लेकर ‘फंस’ गए नॉन टीटीजेड वाले

Hathras Updated Sun, 20 May 2012 12:00 PM IST
हाथरस। पूर्व ऊर्जा मंत्री के कार्यकाल में 24 घंटे बिजली का सुख लेना जिले के नॉन टीटीजेड (ताज ट्रिपेजियम जोन) एरिया के ग्रामीणों को महंगा पड़ गया है। 24 घंटे बिजली देने के एवज में बिजली महकमे ने इन गांवों के उपभोक्ताओं पर चोरी-छिपे टीटीजेड के हिसाब से बिल थोप दिया है। ढाई साल से उपभोक्ताओं के नलकूपों के बिल टीटीजेड के रेट से बनकर आते रहे। अब जब उपभोक्ताओं ने हिसाब लगाया, तब उन्हें महकमे के इस खेल का पता चला।

अब महकमे के सताए ये उपभोक्ता टीटीजेड एरिया के नाम पर बिलों में लगाई गई अतिरिक्त धनराशि माफ करवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। चर्चा है कि डीवीवीएनएल के अफसरों ने बिना यूपीपीसीएल के आदेश के ही इन गांवों की बिलिंग टीटीजेड के रेट से कर डाली है। अब इसे कम करके वह अपनी गर्दन नहीं फंसाना चाहते। यही वजह है कि गैर टीटीजेड क्षेत्र के फीडरों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए जो पत्र एसडीओ प्रथम के कार्यालय से अधिशासी अभियंता के दफ्तर को भेजे गए, उनका भी अता-पता नहीं है। एक्सईएन दफ्तर में तो उन खतों की रिसीविंग तक नहीं है हालांकि एसडीओ के यहां इन पत्रों की डिस्पेचिंग का पूरा रिकार्ड है। जिन एसडीओ प्रथम ने टीटीजेड के फीडरों की स्थिति स्पष्ट की थी, वह अब उच्चाधिकारियों के डर से यह कह रहे हैं कि सही स्थिति तो उन्हें भी नहीं मालूम। जब किसानों ने इस बारे में खुद उनकी तरफ से लिखा गया खत उन्हें दिखाया तो वह चुप्पी साध गए। अब अफसर यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि उन्हें खुद नहीं मालूम कि किस फीडर के कितने गांव टीटीजेड में हैं और कितने इससे बाहर। हालांकि टीटीजेड एरिया 25 साल पुराना है। इसका नक्शा प्रशासन और बिजली महकमे के पास है। इसी नक्शे से टीटीजेड और नॉन जेड फीडरों पर बिजली दी जा रही है। अगर ऐसा होता तो निश्चित रूप से महकमा इन गांवों के उपभोक्ताओं को इस बारे में बाकायदा नोटिस देकर यह सूचित करता कि 24 घंटे बिजली की वजह से उनसे टीटीजेड का रेट वसूला जाएगा, लेकिन यहां किसी किसान को कोई नोटिस नहीं दिया गया।

किसानों के सवाल पर कभी एसडीओ प्रथम ने स्थिति स्पष्ट करते हुए जो खत एक्सईएन को भेजा था, उसमें साफ कहा गया है कि 11 केवी जोगिया, ऊर्जा व जंक्शन फीडर नॉन टीटीजेड में और टाउन वन व मुरसान फीडर टीटीजेड में हैं। जाहिर है, ऊर्जा और जोगिया फीडरों के नलकूपों की बिलिंग भी टीटीजेड के हिसाब से कर दी गई। जिन गांवों के उपभोक्ता इस गड़बड़ी के शिकार बने हैं, उनमें गारवगढ़ी, रहना, अमरपुर घना, रूहेड़ी, नंदा की गढ़ी, लहरा, अहवरनपुर, रघनियां, नगला उम्मेद, दयानतपुर, सुमरतगढ़ी, नगला कस, बरसै, लालगढ़ी, अजरोई समेत 100 से ज्यादा गांव शामिल हैं।
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