सासनी। नगर पंचायत की मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान आयोजित मतदाता जागरूकता मेले के अवसर पर सूची में हुई धांधली का खुलासा हुआ था। इस संबंध में एसडीएम से शिकायत भी की गई थी। शिकायत के आधार पर इसकी जांच का निर्णय लिया गया। संबंधित बीएलओ द्वारा की जा रही जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
हालांकि नई विकसित कई कॉलोनी कस्बे के आगोश में सिमट चुकी हैं, लेकिन नगर पंचायत का सीमा विस्तार न होने के कारण आज तक मत देने का अधिकार इन कॉलोनियों के बाशिंदे हासिल नहीं कर पाए हैं। धीरे-धीरे इन लोगों ने अपने नाम नगर पंचायत की मतदाता सूची में शामिल कराना शुरू किया और आज स्थिति यह हो गई है कि कस्बे की आबादी के अनुपात से अधिक मतदाता हैं। नगर पंचायत सासनी की मतदाता सूची में शिकायतों की जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ है। नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 13327 है, जबकि कुल मतदाता 9599 हैं। दो दिन लगे मेले में प्राप्त आपत्तियों के आधार पर संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है। ग्रामीण आंचल से जुडे़ वार्डों में ही यह तादात क्यों बढ़ी है। यह विचारणीय बिंंदु है। पुनरीक्षण से पूर्व के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो अकेले वार्ड संख्या 8 में ही करीब 400 से अधिक मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। यही हाल अन्य वार्डों का हुआ तो स्थिति क्या होगी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। आखिर कहां से आए इतने मतदाता। क्या निष्पक्ष जांच कर हटवा पाएगा प्रशासन ऐसे बढे़ हुए नामों को मतदाता सूची से या फिर किसी अनुचित दबाव में यथावत बने रहेंगे। आखिर कैसे बढे़ इतनी संख्या में सूची में नाम, क्या नगर पंचायत की अपनी कोई सीमा नहीं है। क्या बीएलओ को वार्ड के परिसीमन की जानकारी नहीं दी गई। बीएलओ की अज्ञानता का परिणाम है या मतदाताओं की मनमानी यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन सासनी की मतदाता सूची चर्चा का विषय बनी हुई है।
सासनी। नगर पंचायत की मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान आयोजित मतदाता जागरूकता मेले के अवसर पर सूची में हुई धांधली का खुलासा हुआ था। इस संबंध में एसडीएम से शिकायत भी की गई थी। शिकायत के आधार पर इसकी जांच का निर्णय लिया गया। संबंधित बीएलओ द्वारा की जा रही जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
हालांकि नई विकसित कई कॉलोनी कस्बे के आगोश में सिमट चुकी हैं, लेकिन नगर पंचायत का सीमा विस्तार न होने के कारण आज तक मत देने का अधिकार इन कॉलोनियों के बाशिंदे हासिल नहीं कर पाए हैं। धीरे-धीरे इन लोगों ने अपने नाम नगर पंचायत की मतदाता सूची में शामिल कराना शुरू किया और आज स्थिति यह हो गई है कि कस्बे की आबादी के अनुपात से अधिक मतदाता हैं। नगर पंचायत सासनी की मतदाता सूची में शिकायतों की जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ है। नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 13327 है, जबकि कुल मतदाता 9599 हैं। दो दिन लगे मेले में प्राप्त आपत्तियों के आधार पर संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है। ग्रामीण आंचल से जुडे़ वार्डों में ही यह तादात क्यों बढ़ी है। यह विचारणीय बिंंदु है। पुनरीक्षण से पूर्व के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो अकेले वार्ड संख्या 8 में ही करीब 400 से अधिक मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। यही हाल अन्य वार्डों का हुआ तो स्थिति क्या होगी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। आखिर कहां से आए इतने मतदाता। क्या निष्पक्ष जांच कर हटवा पाएगा प्रशासन ऐसे बढे़ हुए नामों को मतदाता सूची से या फिर किसी अनुचित दबाव में यथावत बने रहेंगे। आखिर कैसे बढे़ इतनी संख्या में सूची में नाम, क्या नगर पंचायत की अपनी कोई सीमा नहीं है। क्या बीएलओ को वार्ड के परिसीमन की जानकारी नहीं दी गई। बीएलओ की अज्ञानता का परिणाम है या मतदाताओं की मनमानी यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन सासनी की मतदाता सूची चर्चा का विषय बनी हुई है।