हाथरस। महिला की हत्या के दोषी भतीजे सहित दो लोगों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन्हें अर्थदंड भी देना होगा। सिकंदराराऊ कस्बे में साढे़ छह साल पहले गोली मारकर महिला की हत्या की गई थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, महावीर सिंह बघेल मूल रूप से गांव तेहरा थाना गंगीरी, अलीगढ़ का रहने वाला है। जमीन-जायदाद को लेकर जब उसके भतीजे हरिश्चंद आदि ने उसे परेशान किया तो वह अपनी दोनों पत्नियों को लेक र सिकंदराराऊ के गढ़ी बुंदू खां में रहने लगा। वह बेऔलाद था, इसलिए उसने अपने साले की लड़की अंजू को भी साथ रख लिया। महावीर सिंह की गांव में 24 बीघा जमीन है। उसके भतीजे और कुछ अन्य लोग उसकी जमीन लेने के चक्कर में थे। 13 नवंबर, 2005 को वह अपने कमरे में लेटा था। उसकी पत्नी सावित्री तख्त पर लेटी थी। इसी दौरान रात करीब 11 बजे हरिशचंद पुत्र भगवान सिंह, शेर सिंह पुत्र चेतराम निवासीगण तेहरा थाना गंगरी व कुछ अन्य लोग ऊपर के रास्ते से आए। इन लोगों ने महावीर सिंह के साथ मारपीट की और भतीजे हरिशचंद ने सावित्री को तमंचे से गोली मार दी। सावित्री की मौके पर ही मौत हो गई। इसकी सूचना सिकंदराराऊ पुलिस को दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर इसका पोस्टमार्टम कराया। घटना की रिपोर्ट हरिशचंद, शेर सिंह व दो-तीन अन्य अज्ञात लोगोें के खिलाफ दर्ज कराई। इस मामले की विवेचना कर पुलिस ने आरोपियोें के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम महेश नौटियाल के न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हुई। न्यायालय ने मामले में आरोपी हरिशचंद और शेर सिंह को दोषी माना। इन्हें धारा 323 में एक-एक हजार रुपये, धारा 452 में सात-सात साल की कैद और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड के अलावा धारा 302-34 में आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर इन्हें अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।