सिकंदराराऊ/हाथरस। सरकारी मदद में धांधली की पोल एक बार फिर खुली है। गांव बाजिदपुर में हुए अग्निकांड की आर्थिक मदद के वितरण में फर्जीवाड़ा हुआ है। प्रशासनिक कर्मियों ने आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे ग्रामीणों को मदद का पैसा बांट दिया, जोकि इसके हकदार ही नहीं थे, जबकि जो डेढ़ दर्जन लोग इसके वास्तविक हकदार थे, वह अब तहसील के चक्कर काट रहे हैं। इस मामले के खुलासे ने प्रशासन में भी हड़कंप मचा दिया है और एसडीएम ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। जिन 16 अगिभन पीड़ितों तक प्रशासन की मदद नहीं पहुंच पाई, वह अपने परिजनों और अन्य ग्रामीणों के साथ मंगलवार को तहसील सिकंदराराऊ पहुंच गए और वहां तहसील दफ्तर पर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। यह लोग अपनी शिकायत लेकर कलक्ट्रेट भी आए और यहां एडीएम को पूरी स्थिति से अवगत कराया। इन लोगों का कहना था कि प्रशासनिक कर्मियों ने जानबूझकर असली पीड़ितों की अनदेखी की है और फर्जी लोगों को मुआवजे का पैसा बांट दिया।
बाजिदपुर में हुए अग्निकांड में ग्रामीणों का भारी नुकसान हुआ है। नियम के मुताबिक तहसील प्रशासन ने काफी लोगाें को मुआवजे का भुगतान कर दिया। ग्रामीणाें को जब पता चला कि ग्राम निवासी रामकिशन पुत्र लालाराम, रामकिशोर पुत्र लालाराम, पिंकू पुत्र राममोहन, हरिश्चंद्र पुत्र रामशरन, शब्बीर पुत्र कल्लू, बुंदू पुत्र मजीद के घराें को आग से कुछ नुकसान नहीं हुआ, फिर भी ये लोग 4,600 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से सरकारी मदद के चैक प्राप्त कर ले गए। इसके ठीक विपरीत 16 ऐसे लोग हैं, जिनका आग से अच्छा-खासा नुकसान हुआ, लेकिन उन्हें इमदाद के नाम पर एक भी पैसा नही मिला। सोमवार को इन लोगों ने गांव में तहसीलदार का घेराव भी किया। मंगलवार को 16 लोग पुन: तहसील पर आए तथा एसडीएम जेके जैन से शिकायत की।