{"_id":"7479","slug":"Hathras-7479-7","type":"story","status":"publish","title_hn":"6 डॉक्टर, 1200 मरीज कैसे जांचे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
6 डॉक्टर, 1200 मरीज कैसे जांचे
Hathras
Updated Wed, 16 May 2012 12:00 PM IST
हाथरस। डॉक्टरोें की किल्लत से जिला अस्पताल इस समय खुद ‘रोगी’ होता जा रहा है। एक और डॉक्टर का तबादला हो चुका है और ऐसे में पूरे जिले अस्पताल में केवल आधा दर्जन डॉक्टर हैं। रोजाना एक हजार से लेकर 12 सौ मरीजों की भीड़ अस्पताल में आ रही है। आधा दर्जन डाक्टर ओपीडी में इतने मरीजों को उपचार देने में असहाय से दिखाई देते हैं। ऐसे में मरीजों को या तो घंटों इंतजार करना पड़ रहा है या फिर उपचार के अभाव में वापस लौटना पड़ रहा है। एक माह में तीन चिकित्सकों के तबादले हो चुके हैं और अभी तक कोई नया डाक्टर अस्पताल में नहीं आया है। जिला अस्पताल में इस समय स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। अस्पताल में जितने संसाधन हैं, उन तक का इस्तेमाल चिकित्सकों के अभाव की वजह से नहीं हो रहा। पिछले एक माह में जिला अस्पताल से डॉ.वीपी गुप्ता, डॉ.शिशिर कुलश्रेष्ठ और अब डॉ. अरविंद बारसौल का तबादला हो चुका है। अस्पताल में चिकित्सकों के 25 पद स्वीकृत हैं। अब तीन डॉक्टरों के तबादले के बाद केवल आधा दर्जन डॉक्टर यहां शेष हैं। गरमी में संक्र ामक रोगियों की संख्या बढ़ रही है और ऐसे में रोजाना एक हजार से लेकर 12 तक मरीज अस्पताल की ओपीडी में सुबह आते हैं। जैसे ही डॉक्टर अपने केबिनों में घुसते हैं। मरीजों की भीड़ उन्हें दिखाने के लिए टूट पड़ती है। स्थिति यह है कि मरीजों को या तो घंटों इंतजार करना पड़ रहा है या फिर उन्हें बिना उपचार के वापस लौटना पड़ रहा है।
हाथरस। डॉक्टरोें की किल्लत से जिला अस्पताल इस समय खुद ‘रोगी’ होता जा रहा है। एक और डॉक्टर का तबादला हो चुका है और ऐसे में पूरे जिले अस्पताल में केवल आधा दर्जन डॉक्टर हैं। रोजाना एक हजार से लेकर 12 सौ मरीजों की भीड़ अस्पताल में आ रही है। आधा दर्जन डाक्टर ओपीडी में इतने मरीजों को उपचार देने में असहाय से दिखाई देते हैं। ऐसे में मरीजों को या तो घंटों इंतजार करना पड़ रहा है या फिर उपचार के अभाव में वापस लौटना पड़ रहा है। एक माह में तीन चिकित्सकों के तबादले हो चुके हैं और अभी तक कोई नया डाक्टर अस्पताल में नहीं आया है। जिला अस्पताल में इस समय स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। अस्पताल में जितने संसाधन हैं, उन तक का इस्तेमाल चिकित्सकों के अभाव की वजह से नहीं हो रहा। पिछले एक माह में जिला अस्पताल से डॉ.वीपी गुप्ता, डॉ.शिशिर कुलश्रेष्ठ और अब डॉ. अरविंद बारसौल का तबादला हो चुका है। अस्पताल में चिकित्सकों के 25 पद स्वीकृत हैं। अब तीन डॉक्टरों के तबादले के बाद केवल आधा दर्जन डॉक्टर यहां शेष हैं। गरमी में संक्र ामक रोगियों की संख्या बढ़ रही है और ऐसे में रोजाना एक हजार से लेकर 12 तक मरीज अस्पताल की ओपीडी में सुबह आते हैं। जैसे ही डॉक्टर अपने केबिनों में घुसते हैं। मरीजों की भीड़ उन्हें दिखाने के लिए टूट पड़ती है। स्थिति यह है कि मरीजों को या तो घंटों इंतजार करना पड़ रहा है या फिर उन्हें बिना उपचार के वापस लौटना पड़ रहा है।