सासनी। उत्तराखंड की तबाही से क्षेत्र के ग्राम नगला हरिया और सुसायत खुर्द के दो परिवार पीड़ित हैं। एक माह से पीड़ित परिवारों के लोग पलकें बिछाए परिजनों का इंतजार कर रहे हैं। नगला हरिया निवासी रोशनलाल सरपंच के ज्येष्ठ पुत्र योगेश शर्मा वकालत के साथ साथ जिले की राजनीति में भी सक्रिय हैं। अलीगढ़ में सासनी गेट पर उनका निजी आवास है। वहां मय परिवार के रहते हैं। 7 जून को उनकी पत्नी सर्वेश बुलंदशहर निवासी अपनी समधन के साथ चारों धाम की यात्रा पर गई थीं। सहयोग के लिए साथ में उनका ड्राइवर भी था। बकौल योगश शर्मा 15 जून की शाम तक तो मोबाइल पर बात हुई है। उसके बाद उनकी कोई लोकेशन नहीं मिली है। तबाही की खबर सुनकर एक सप्ताह पहले उत्तराखंड पत्नी की तलाश में गए थे, लेकिन मायूस लौटकर घर आ गए हैं। योगेश ईश्वरवादी है। उन्हें विश्वास है कि उनकी पत्नी जरूरत लौटकर आएंगी। ग्राम सुसायत खुर्द निवासी उदयभान पुत्र चंद्रपाल सिंह ऋषिकेश में अपने साढ़ू के साथ ट्रेवल्स का कारोबार करते हैं। 1 जून को घर से गए थे। 14 जून को ऋषिकेश से यात्री लेकर गए थे, लेकिन अभी तक वापस नहीं आए हैं। पिता भटकते-भटकते उत्तराखंड तक तो पहुंच गए, लेकिन पथराई आंखों में निराशा लिए वापस लौट आए हैं। कोई पता ठिकाना नहीं मिला। पत्नी बच्चे एवं छोटा भाई राह तक-तक कर थक चुके हैं। परिजनों ने प्रशासन से तलाश की गुहार लगाई है। सोमवार को पत्नी नीतू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड प्रशासन की लिस्ट में उनका नाम है। रास्ते में फंसे हुए हैं। लौटकर आएंगे।
सासनी। उत्तराखंड की तबाही से क्षेत्र के ग्राम नगला हरिया और सुसायत खुर्द के दो परिवार पीड़ित हैं। एक माह से पीड़ित परिवारों के लोग पलकें बिछाए परिजनों का इंतजार कर रहे हैं। नगला हरिया निवासी रोशनलाल सरपंच के ज्येष्ठ पुत्र योगेश शर्मा वकालत के साथ साथ जिले की राजनीति में भी सक्रिय हैं। अलीगढ़ में सासनी गेट पर उनका निजी आवास है। वहां मय परिवार के रहते हैं। 7 जून को उनकी पत्नी सर्वेश बुलंदशहर निवासी अपनी समधन के साथ चारों धाम की यात्रा पर गई थीं। सहयोग के लिए साथ में उनका ड्राइवर भी था। बकौल योगश शर्मा 15 जून की शाम तक तो मोबाइल पर बात हुई है। उसके बाद उनकी कोई लोकेशन नहीं मिली है। तबाही की खबर सुनकर एक सप्ताह पहले उत्तराखंड पत्नी की तलाश में गए थे, लेकिन मायूस लौटकर घर आ गए हैं। योगेश ईश्वरवादी है। उन्हें विश्वास है कि उनकी पत्नी जरूरत लौटकर आएंगी। ग्राम सुसायत खुर्द निवासी उदयभान पुत्र चंद्रपाल सिंह ऋषिकेश में अपने साढ़ू के साथ ट्रेवल्स का कारोबार करते हैं। 1 जून को घर से गए थे। 14 जून को ऋषिकेश से यात्री लेकर गए थे, लेकिन अभी तक वापस नहीं आए हैं। पिता भटकते-भटकते उत्तराखंड तक तो पहुंच गए, लेकिन पथराई आंखों में निराशा लिए वापस लौट आए हैं। कोई पता ठिकाना नहीं मिला। पत्नी बच्चे एवं छोटा भाई राह तक-तक कर थक चुके हैं। परिजनों ने प्रशासन से तलाश की गुहार लगाई है। सोमवार को पत्नी नीतू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड प्रशासन की लिस्ट में उनका नाम है। रास्ते में फंसे हुए हैं। लौटकर आएंगे।
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