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हाथरस। हिंदूवादियों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में दूसरे दिन भी गहमागहमी की स्थिति रही। सुबह जब तयशुदा कार्यक्रम के तहत हिंदूवादी यहां नगर पालिका में एकत्रित होकर धरना देने लगे तो वहां पुलिस की इनसे फिर नोक-झोंक हो गई। बाद में यह लोग जब प्रशासन से अनुमति ले आए, तब पुलिस ने इन्हें सभा करने दी।
सोमवार को हुई घटना के बाद मंगलवार को हिंदूवादी तयशुदा कार्यक्रम के तहत यहां नगर पालिका पर एकत्रित होने लगे। वहां पुलिस फोर्स पहले से ही मौजूद था। जैसे ही हिंदूवादियों ने वहां धरना देने के मद्देनजर फर्श आदि बिछाये, वैसे ही पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक दिया। उनकी वहां एसओ हाथरस गेट सुरेश बाबू से नोक-झोंक भी हो गई। एसओ का कहना था कि पहले वह प्रशासन की अनुमति लेकर आएं, तब वह धरना आदि कर सकेंगे। हालांकि हिंदूवादी नेताओं ने पुलिस को अधिकारियोें की रिसीव कापी दिखाई, लेकिन पुलिस ने इसे नहीं माना। परिणामस्वरूप वहां घंटों धरना शुरू नहीं हो सका। बाद में कुछ नेता प्रशासन की धरने की अनुमति ले आए, तब कहीं जाकर धरना और सभा शुरू हुई।
हाथरस। हिंदूवादियों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में दूसरे दिन भी गहमागहमी की स्थिति रही। सुबह जब तयशुदा कार्यक्रम के तहत हिंदूवादी यहां नगर पालिका में एकत्रित होकर धरना देने लगे तो वहां पुलिस की इनसे फिर नोक-झोंक हो गई। बाद में यह लोग जब प्रशासन से अनुमति ले आए, तब पुलिस ने इन्हें सभा करने दी।
सोमवार को हुई घटना के बाद मंगलवार को हिंदूवादी तयशुदा कार्यक्रम के तहत यहां नगर पालिका पर एकत्रित होने लगे। वहां पुलिस फोर्स पहले से ही मौजूद था। जैसे ही हिंदूवादियों ने वहां धरना देने के मद्देनजर फर्श आदि बिछाये, वैसे ही पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक दिया। उनकी वहां एसओ हाथरस गेट सुरेश बाबू से नोक-झोंक भी हो गई। एसओ का कहना था कि पहले वह प्रशासन की अनुमति लेकर आएं, तब वह धरना आदि कर सकेंगे। हालांकि हिंदूवादी नेताओं ने पुलिस को अधिकारियोें की रिसीव कापी दिखाई, लेकिन पुलिस ने इसे नहीं माना। परिणामस्वरूप वहां घंटों धरना शुरू नहीं हो सका। बाद में कुछ नेता प्रशासन की धरने की अनुमति ले आए, तब कहीं जाकर धरना और सभा शुरू हुई।