हाथरस। एक किशोरी के अपहरण के आरोपी दंपति को न्यायालय ने पांच साल की कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक धर्मपाल निवासी रामपुर थाना हाथरस जंक्शन के घर पर 29 सितंबर 2007 की शाम सात बजे श्यौराज निवासी गांव सरुआ थाना गभाना जिला अलीगढ़, लोकेश और उसकी पत्नी ममता निवासी जलालपुर थाना पिसावा जिला अलीगढ़ आए। यह सभी धर्मपाल से सगे संबंधी थे। उस समय धर्मपाल की 13 वर्षीय पुत्री प्रवेश भी घर पर मौजूद थी। अगले दिन जब धर्मपाल की आंख खुली तो उसने देखा कि श्यौराज, लोकेश और ममता उसके घर से गायब थे। यही नहीं उसकी बेटी भी घर पर नहीं थी। बाद में उसे पता चला कि उसकी बेटी को यही तीनों लोग अपने साथ ले गए हैं। इस मामले में उसने रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने मामले की विवेचना की और आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। इसकी सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम महेश नौटियाल के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दो आरोपियों लोकेश और ममता को धारा 363 में पांच-पांच साल की कैद और धारा 366 में भी इतने ही साल के कारावास की सजा सुनाई।
हाथरस। एक किशोरी के अपहरण के आरोपी दंपति को न्यायालय ने पांच साल की कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक धर्मपाल निवासी रामपुर थाना हाथरस जंक्शन के घर पर 29 सितंबर 2007 की शाम सात बजे श्यौराज निवासी गांव सरुआ थाना गभाना जिला अलीगढ़, लोकेश और उसकी पत्नी ममता निवासी जलालपुर थाना पिसावा जिला अलीगढ़ आए। यह सभी धर्मपाल से सगे संबंधी थे। उस समय धर्मपाल की 13 वर्षीय पुत्री प्रवेश भी घर पर मौजूद थी। अगले दिन जब धर्मपाल की आंख खुली तो उसने देखा कि श्यौराज, लोकेश और ममता उसके घर से गायब थे। यही नहीं उसकी बेटी भी घर पर नहीं थी। बाद में उसे पता चला कि उसकी बेटी को यही तीनों लोग अपने साथ ले गए हैं। इस मामले में उसने रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने मामले की विवेचना की और आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। इसकी सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम महेश नौटियाल के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दो आरोपियों लोकेश और ममता को धारा 363 में पांच-पांच साल की कैद और धारा 366 में भी इतने ही साल के कारावास की सजा सुनाई।