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हाथरस। बिजली महकमे में चोरी के ट्रांसफॉर्मरों की बिक्री का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। गांव सुरंगपुरा में भी बिजली महकमे के ही कुछ मुलाजिमों ने एक उपभोक्ता को चोरी का ट्रांसफॉर्मर बेच दिया और फिर इसे 24 घंटे पहले रातों-रात उठवा लिया। उपभोक्ता जब इसकी शिकायत लेकर सोमवार को बिजली दफ्तर पहुंचा तो पूरी हकीकत का खुलासा हुआ, जिसके बाद चोरी का ट्रांसफॉर्मर खरीदने के मामले में उपभोक्ता खुद फंस गया है। अधिकारियों ने उससे लिखित शिकायत ले ली है और इससे उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है।
मुरसान क्षेत्र के गांव रंगपुरा के किसान ने अधिशासी अभियंता द्वितीय से मिलकर बताया कि उसके घर को बिजली देने वाला 10 केवीए का ट्रांसफॉर्मर पिछले काफी समय से ठप पड़ा था। वह कई बार इस ट्रांसफॉर्मर को बदलवाने के लिए दफ्तर के चक्कर काट चुका है, लेकिन वहां से साफ कह दिया गया था कि जब तक वह पिछला बिल चुकता नहीं करेंगे, तब तक उनका ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला जाएगा। किसान के मुताबिक चार दिन पहले महकमे के एक जूनियर इंजीनियर अपने तीन-चार अन्य साथियों के साथ उनके गांव पहुंचे और बताया कि उनकी तैनाती इस क्षेत्र में है। वह चाहें तो उन्हें नया ट्रांसफॉर्मर दिलवा सकते हैं। 23 हजार रुपये में सौदा हो गया और किसान के घर के बाहर 10 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगवा दिया गया, लेकिन 24 घंटे पहले अचानक उसका ट्रांसफॉर्मर वहां से गायब हो गया। वह इसकी शिकायत लेकर सोमवार को एक्सईएन से मिलने आए।
एक्सईएन ने किसान से पूछा कि बिना पिछला बिल चुकता किए उन्हें ट्रांसफॉर्मर कैसे मिला, जबकि उनके यहां से उन्हें ट्रांसफॉर्मर देने के बारे में कोई आदेश या स्वीकृति भी जारी नहीं हुई है। एक्सईएन ने एसडीओ को भी वहीं बुलवा लिया। एसडीओ ने भी किसान को ट्रांसफॉर्मर की स्वीकृति देने की बात से साफ इंकार कर दिया। अधिकारी समझ गए कि किसान ने चोरी का ट्रांसफॉर्मर खरीदा है। किसान ने विभाग के एक सस्पेंड जेई का नाम लेते हुए बताया कि उन्होंने यह ट्रांसफॉर्मर उनके यहां लगवाया था। यह सुनकर अधिकारी दंग रह गए। महकमे में चोरी के ट्रांसफॉर्मरों की बिक्री का गोरखधंधा फिर सामने आया। लिहाजा किसान से उसकी शिकायत के बारे में शपथ पत्र ले लिया गया। एक्सईएन ने पूरी स्थिति से एसई को अवगत कराया। अधिकारी इस मामले में गलत ढंग से सरकारी सामान खरीदने वाले उपभोक्ता के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।
गोरखधंधे को बेपर्दा करने की चुनौती
ट्रांसफॉर्मर बेचने में जिस जेई का नाम किसान ने लिया, वह इसी तरह के कुछ मामलों में पहले से ही सस्पेंड चल रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों के सामने इस गोरखधंधे को बेपर्दा करने की चुनौती खड़ी हो गई है। नियमानुसार सरकारी सामान को कोई भी व्यक्ति किसी को भी नहीं बेच सकता।
मोहनपुरा भूतपुरा में भी बेचा था ट्रांसफॉर्मर
गौरतलब है कि करीब दो महीने पहले भी गांव भूतपुरा मोहनपुरा में एक किसान को चोरी का ट्रांसफॉर्मर बेचने का मामला सामने आया। शिकायत के बाद अधिकारियों ने यह ट्रांसफॉर्मर किसान के खेत से जब्त कर लिया था। इस मामले में किसान के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। इस मामले में भी इन्हीं जेई की भूमिका की शिकायत थी।
यह मामला वाकई गंभीर है। किसान से लिखित शिकायत ले ली गई है। जिन लोगों के भी नाम बताए गए हैं, उन सभी के बारे में जांच कराई जाएगी। अगर उनकी भूमिका मिली तो वह बच नहीं पाएंगे।
राजकुमार, अधिशासी अभियंता द्वितीय
हाथरस। बिजली महकमे में चोरी के ट्रांसफॉर्मरों की बिक्री का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। गांव सुरंगपुरा में भी बिजली महकमे के ही कुछ मुलाजिमों ने एक उपभोक्ता को चोरी का ट्रांसफॉर्मर बेच दिया और फिर इसे 24 घंटे पहले रातों-रात उठवा लिया। उपभोक्ता जब इसकी शिकायत लेकर सोमवार को बिजली दफ्तर पहुंचा तो पूरी हकीकत का खुलासा हुआ, जिसके बाद चोरी का ट्रांसफॉर्मर खरीदने के मामले में उपभोक्ता खुद फंस गया है। अधिकारियों ने उससे लिखित शिकायत ले ली है और इससे उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है।
मुरसान क्षेत्र के गांव रंगपुरा के किसान ने अधिशासी अभियंता द्वितीय से मिलकर बताया कि उसके घर को बिजली देने वाला 10 केवीए का ट्रांसफॉर्मर पिछले काफी समय से ठप पड़ा था। वह कई बार इस ट्रांसफॉर्मर को बदलवाने के लिए दफ्तर के चक्कर काट चुका है, लेकिन वहां से साफ कह दिया गया था कि जब तक वह पिछला बिल चुकता नहीं करेंगे, तब तक उनका ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला जाएगा। किसान के मुताबिक चार दिन पहले महकमे के एक जूनियर इंजीनियर अपने तीन-चार अन्य साथियों के साथ उनके गांव पहुंचे और बताया कि उनकी तैनाती इस क्षेत्र में है। वह चाहें तो उन्हें नया ट्रांसफॉर्मर दिलवा सकते हैं। 23 हजार रुपये में सौदा हो गया और किसान के घर के बाहर 10 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगवा दिया गया, लेकिन 24 घंटे पहले अचानक उसका ट्रांसफॉर्मर वहां से गायब हो गया। वह इसकी शिकायत लेकर सोमवार को एक्सईएन से मिलने आए।
एक्सईएन ने किसान से पूछा कि बिना पिछला बिल चुकता किए उन्हें ट्रांसफॉर्मर कैसे मिला, जबकि उनके यहां से उन्हें ट्रांसफॉर्मर देने के बारे में कोई आदेश या स्वीकृति भी जारी नहीं हुई है। एक्सईएन ने एसडीओ को भी वहीं बुलवा लिया। एसडीओ ने भी किसान को ट्रांसफॉर्मर की स्वीकृति देने की बात से साफ इंकार कर दिया। अधिकारी समझ गए कि किसान ने चोरी का ट्रांसफॉर्मर खरीदा है। किसान ने विभाग के एक सस्पेंड जेई का नाम लेते हुए बताया कि उन्होंने यह ट्रांसफॉर्मर उनके यहां लगवाया था। यह सुनकर अधिकारी दंग रह गए। महकमे में चोरी के ट्रांसफॉर्मरों की बिक्री का गोरखधंधा फिर सामने आया। लिहाजा किसान से उसकी शिकायत के बारे में शपथ पत्र ले लिया गया। एक्सईएन ने पूरी स्थिति से एसई को अवगत कराया। अधिकारी इस मामले में गलत ढंग से सरकारी सामान खरीदने वाले उपभोक्ता के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।
गोरखधंधे को बेपर्दा करने की चुनौती
ट्रांसफॉर्मर बेचने में जिस जेई का नाम किसान ने लिया, वह इसी तरह के कुछ मामलों में पहले से ही सस्पेंड चल रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों के सामने इस गोरखधंधे को बेपर्दा करने की चुनौती खड़ी हो गई है। नियमानुसार सरकारी सामान को कोई भी व्यक्ति किसी को भी नहीं बेच सकता।
मोहनपुरा भूतपुरा में भी बेचा था ट्रांसफॉर्मर
गौरतलब है कि करीब दो महीने पहले भी गांव भूतपुरा मोहनपुरा में एक किसान को चोरी का ट्रांसफॉर्मर बेचने का मामला सामने आया। शिकायत के बाद अधिकारियों ने यह ट्रांसफॉर्मर किसान के खेत से जब्त कर लिया था। इस मामले में किसान के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। इस मामले में भी इन्हीं जेई की भूमिका की शिकायत थी।
यह मामला वाकई गंभीर है। किसान से लिखित शिकायत ले ली गई है। जिन लोगों के भी नाम बताए गए हैं, उन सभी के बारे में जांच कराई जाएगी। अगर उनकी भूमिका मिली तो वह बच नहीं पाएंगे।
राजकुमार, अधिशासी अभियंता द्वितीय