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सहपऊ में 10 इंदिरा आवास ही पचा गए लाभार्थी
Hathras
Published by:
Updated Tue, 29 Jan 2013 05:30 AM IST
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हाथरस/सहपऊ। एक तरफ सैकड़ों गरीब बेघर आज भी सिर पर छत की राह तक रहे हैं तो दूसरी तरफ जिले के सहपऊ ब्लॉक की ग्राम पंचायत गुतहरा में एक दशक पहले बने 10 इंदिरा आवासों का कोई अता-पता नहीं है। जिन लोगों के लिए यह आवास बनवाए गए थे, वह इनका पूरा मैटेरियल समेटकर गांव से ही भाग गए हैं। ग्राम प्रधान की शिकायत से इस गोलमाल का खुलासा होने के बाद ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। मामले की जांच शुरू कराने की तैयारी की जा रही है।
यह मामला गुतहरा ग्राम पंचायत के गांव सुक्खा का थान का है। गुतहरा के प्रधान वीरेंद्र सिंह कुशवाहा ने खंड विकास अधिकारी सहपऊ को दी शिकायत में कहा है कि गांव में बाबूलाल पुत्र गोकुल, हरी प्रसाद पुत्र पातीराम, श्रीपाल पुत्र जयराम, रामबाबू पुत्र राम सिंह, राजपाल पुत्र शंकरलाल, भूपति व फगुनीराम पुत्रगण खचेरमल, सुनहरीलाल, हरी सिंह व महेंद्र कुमार पुत्र कालीचरण को 2003-04 में इंदिरा आवास योजना से घर बनाने के लिए 35-35 हजार रुपये का अनुदान दिया गया था। यह सभी दलित वर्ग के हैं। इन लोगों ने इस पैसे से अपने घर भी बना लिए, लेकिन कुछ साल पहले इन लोगों ने अपने घर तुड़वा दिए। उनकी ईंटें, गार्डर व पत्थर आदि मैटेरियल भी धीरे-धीरे यहां से समेट लिया और खुद भी यहां से गायब हो गए। गांव के लोगों ने प्रधान को इसकी जानकारी दी तो प्रधान भी मौके पर गए, लेकिन गांव में इन 10 लोगों के घर का नाम-ओ-निशान ही नहीं बचा था। प्रधान ने सोमवार को ब्लॉक दफ्तर पहुंचकर बीडीओ से इसकी शिकायत की और इन लोगों से आवास के लिए दिए गए पैसे की रिकवरी कराने की मांग की है। बीडीओ की सलाह पर प्रधान ने इस मामले में इन लाभार्थियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाना सहपऊ में तहरीर दे दी है। बीडीओ ने भी अपनी रिपोर्ट सीडीओ और परियोजना निदेशक डीआरडीए को भेज दी है।
यह मामला बेहद गंभीर है। इसकी पूरी रिपोर्ट परियोजना निदेशक डीआरडीए को भेजी जा रही है। आगे जो भी कार्रवाई होगी, वह जिला स्तर से ही होगी।
गिरीशचंद्र मिश्र, खंड विकास अधिकारी सहपऊ
हाथरस/सहपऊ। एक तरफ सैकड़ों गरीब बेघर आज भी सिर पर छत की राह तक रहे हैं तो दूसरी तरफ जिले के सहपऊ ब्लॉक की ग्राम पंचायत गुतहरा में एक दशक पहले बने 10 इंदिरा आवासों का कोई अता-पता नहीं है। जिन लोगों के लिए यह आवास बनवाए गए थे, वह इनका पूरा मैटेरियल समेटकर गांव से ही भाग गए हैं। ग्राम प्रधान की शिकायत से इस गोलमाल का खुलासा होने के बाद ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। मामले की जांच शुरू कराने की तैयारी की जा रही है।
यह मामला गुतहरा ग्राम पंचायत के गांव सुक्खा का थान का है। गुतहरा के प्रधान वीरेंद्र सिंह कुशवाहा ने खंड विकास अधिकारी सहपऊ को दी शिकायत में कहा है कि गांव में बाबूलाल पुत्र गोकुल, हरी प्रसाद पुत्र पातीराम, श्रीपाल पुत्र जयराम, रामबाबू पुत्र राम सिंह, राजपाल पुत्र शंकरलाल, भूपति व फगुनीराम पुत्रगण खचेरमल, सुनहरीलाल, हरी सिंह व महेंद्र कुमार पुत्र कालीचरण को 2003-04 में इंदिरा आवास योजना से घर बनाने के लिए 35-35 हजार रुपये का अनुदान दिया गया था। यह सभी दलित वर्ग के हैं। इन लोगों ने इस पैसे से अपने घर भी बना लिए, लेकिन कुछ साल पहले इन लोगों ने अपने घर तुड़वा दिए। उनकी ईंटें, गार्डर व पत्थर आदि मैटेरियल भी धीरे-धीरे यहां से समेट लिया और खुद भी यहां से गायब हो गए। गांव के लोगों ने प्रधान को इसकी जानकारी दी तो प्रधान भी मौके पर गए, लेकिन गांव में इन 10 लोगों के घर का नाम-ओ-निशान ही नहीं बचा था। प्रधान ने सोमवार को ब्लॉक दफ्तर पहुंचकर बीडीओ से इसकी शिकायत की और इन लोगों से आवास के लिए दिए गए पैसे की रिकवरी कराने की मांग की है। बीडीओ की सलाह पर प्रधान ने इस मामले में इन लाभार्थियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाना सहपऊ में तहरीर दे दी है। बीडीओ ने भी अपनी रिपोर्ट सीडीओ और परियोजना निदेशक डीआरडीए को भेज दी है।
यह मामला बेहद गंभीर है। इसकी पूरी रिपोर्ट परियोजना निदेशक डीआरडीए को भेजी जा रही है। आगे जो भी कार्रवाई होगी, वह जिला स्तर से ही होगी।
गिरीशचंद्र मिश्र, खंड विकास अधिकारी सहपऊ