हरदोई। जिला उपभोक्ता आयोग ने बोरिंग सही न कराने के मामले में अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई विभाग पर जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही पीड़ित को 1,03,980 रुपये 45 दिन के अंदर वापस देने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई कर अध्यक्ष बाबू प्रसाद, सदस्य दिलशाद अली, सदस्य सुरभि अग्रवाल ने यह फैसला सुनाया है।
तहसील बिलग्राम क्षेत्र के ग्राम कोई निवासी नन्हू ने आयोग में वाद दायर किया था। इसमें कहा था कि फसलों की सिंचाई के लिए उसने अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई विभाग से बोरिंग कराने के लिए संपर्क किया था। इसके बाद विभाग को 23 जनवरी 2017 को 1480 रुपये व 45 हजार रुपये दो किस्तों में ड्राफ्ट के माध्यम से भेजा था।
विभाग ने अप्रैल 2017 में उसके खेत में बोरिंग कराई। बोरिंग संचालन के लिए उसने विद्युत कनेक्शन भी लिया था। बोरिंग में प्रयोग होने वाला सबमर्सिबल पंप खरीदा था। इसे सिंचाई विभाग ने बोरिंग में डलवाया था। अक्तूबर 2017 में सफाई के दौरान बोरिंग फेल हो गई। उनका सबमर्सिबल पंप भी बोर में फंस गया।
बोरिंग फेल होने की सूचना उसने लघु सिंचाई विभाग को दी। कई बार शिकायत करने के बाद भी सिंचाई विभाग ने न तो उसे कोई क्षतिपूर्ति दी न ही उसके बोरिंग की मरम्मत कराई। इसके बाद उसने आयोग में वाद दायर कर बोरिंग के लिए खर्च किए गए 46,480 रुपये और सबमर्सिबल व अन्य सामान में खर्च की 44,500 रुपये और एक लाख रुपये मुकदमे के खर्च के लिए मांग की थी।
इसकी सुनवाई करते हुए उपभोक्ता आयोग ने सिंचाई विभाग को पीड़ित को 1,03,980 रुपये 45 दिन के अंदर देने का आदेश दिया है। नियत समय पर रुपये न देने पर सिंचाई विभाग को सात प्रतिशत ब्याज की दर से रुपया देना होगा।