हरदोई। अब ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने को लेकर बैंकों का कोई बहाना चलने वाला नहीं है। मामला चाहे केसीसी बनने का हो या फिर ग्रामों में अल्ट्रा स्माल ब्रांचों के संचालन का या फिर गांवों में सुविधादाताओं की उपलब्धता का। इन सभी सेवाओं को लेकर केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद इन सूचनाओं को आनलाइन करने के साथ ही बैंकिंग योजनाओं की मासिक प्रगति रिपोर्ट भी आनलाइन होगी, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति आनलाइन इनको देख सके।
इसके लिए डाटा फीडिंग का कार्य शुरू हो गया है और सभी बैंकों से इस ओर सूचनाएं मुहैया कराने को कहा गया, जिसके कारण खराब प्रगति वाली बैंकों में हड़कंप मचा हुआ है। सूचनाओं का डाटा आनलाइन फीड कराने की जिम्मेदारी एलडीएम कार्यालय को दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने से लेकर बैंकिंग योजनाओं की मासिक प्रगति रिपोर्ट डाटा को आनलाइन फीड कराने कराने के निर्देश दिए गए है। जिसमें प्रमुख रूप से जिले में कार्यरत बैंक शाखाओं का बीएसआर कोड, आईएफएससी कोड़ एवं एमआईसीआर कोड की फीड़िग होनी है।
इसके साथ ही बैंक शाखा बार दो हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों के नाम तथा वहां तैनात किए गए सुविधादाता के नाम एवं मोबाइल नंबर तथा 16 सौ से अधिक आबादी वाले गांवाें के नाम वहां पर बैंकों द्वारा खोली गई अल्ट्रा स्माल ब्रांच का स्थान व कार्य दिन तथा संबंधित बैंक अधिकारी व सुविधादाता का नाम व मोबाइल नंबर आदि सूचनाएं दी जानी है। इसके अलावा बैंकों का एमपीआर व आरसी के अलावा मासिक प्रगति रिपोर्ट की सूचनाएं फीड होनी हैं, ताकि बैंक सेवाओं की आनलाइन मानीटरिंग होने के साथ ही यह पता चल सके कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का क्या हाल है।
इसको लेकर एलडीए कार्यालय से सभी बैंकों के जिला समन्वयकों से सूचनाएं मांगी गई है। इस संबंध में एलडीएम डॉक्टर अनिल लवानिया ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार सूचनाओं की फीड़िग हो रही है और मासिक प्रगति रिपोर्ट की फीडिंग हर माह की जाएगी।
हरदोई। अब ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने को लेकर बैंकों का कोई बहाना चलने वाला नहीं है। मामला चाहे केसीसी बनने का हो या फिर ग्रामों में अल्ट्रा स्माल ब्रांचों के संचालन का या फिर गांवों में सुविधादाताओं की उपलब्धता का। इन सभी सेवाओं को लेकर केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद इन सूचनाओं को आनलाइन करने के साथ ही बैंकिंग योजनाओं की मासिक प्रगति रिपोर्ट भी आनलाइन होगी, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति आनलाइन इनको देख सके।
इसके लिए डाटा फीडिंग का कार्य शुरू हो गया है और सभी बैंकों से इस ओर सूचनाएं मुहैया कराने को कहा गया, जिसके कारण खराब प्रगति वाली बैंकों में हड़कंप मचा हुआ है। सूचनाओं का डाटा आनलाइन फीड कराने की जिम्मेदारी एलडीएम कार्यालय को दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने से लेकर बैंकिंग योजनाओं की मासिक प्रगति रिपोर्ट डाटा को आनलाइन फीड कराने कराने के निर्देश दिए गए है। जिसमें प्रमुख रूप से जिले में कार्यरत बैंक शाखाओं का बीएसआर कोड, आईएफएससी कोड़ एवं एमआईसीआर कोड की फीड़िग होनी है।
इसके साथ ही बैंक शाखा बार दो हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों के नाम तथा वहां तैनात किए गए सुविधादाता के नाम एवं मोबाइल नंबर तथा 16 सौ से अधिक आबादी वाले गांवाें के नाम वहां पर बैंकों द्वारा खोली गई अल्ट्रा स्माल ब्रांच का स्थान व कार्य दिन तथा संबंधित बैंक अधिकारी व सुविधादाता का नाम व मोबाइल नंबर आदि सूचनाएं दी जानी है। इसके अलावा बैंकों का एमपीआर व आरसी के अलावा मासिक प्रगति रिपोर्ट की सूचनाएं फीड होनी हैं, ताकि बैंक सेवाओं की आनलाइन मानीटरिंग होने के साथ ही यह पता चल सके कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का क्या हाल है।
इसको लेकर एलडीए कार्यालय से सभी बैंकों के जिला समन्वयकों से सूचनाएं मांगी गई है। इस संबंध में एलडीएम डॉक्टर अनिल लवानिया ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार सूचनाओं की फीड़िग हो रही है और मासिक प्रगति रिपोर्ट की फीडिंग हर माह की जाएगी।