हरदोई। जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा वार्ड में पलंग बांध कर मरीज के हो रहे उपचार को अमर उजाला ने उठाया, तो मंगलवार को मरीज के हाथ पैर खोल दिए गए। मरीज ने राहत की सांस ली। उसकी पहचान न हो पाने से सही उपचार नहीं मिल पा रहा है।
हालांकि, लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ध्यान दे तो उसकी पहचान भी हो सकती है। बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में आठ अगस्त की रात मल्लावां मार्ग पर एक युवक हादसे का शिकार हो गया था। पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराकर अपने फर्ज के इतिश्री कर ली। हालांकि अस्पताल में उसका उपचार तो किया गया, पर जब दर्द से तड़पा तो उसके हाथ पैर बांध दिए गए। पिछले कई दिनों से वार्ड के पलंग संख्या 21 पर तड़प रहे मरीज की हालत पर अमर उजाला की नजर पड़ी, तो इसे जिम्मेदारों तक पहुंचाया। हालांकि मंगलवार को खबर प्रकाशित होने के बाद मरीज के हाथ पैर तो खोल दिए गए।
उपचार भी शुरू हो गया, पलंग की चादर भी बदल दी गई, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो सकी है। हालांकि, लोगों का कहना है कि अगर पुलिस गंभीरता बरते तो उसकी पहचान हो सकती है। जैसे कि जहां पर हादसा हुआ उसके आसपास के ही मरीज होगा। अगर बीट सिपाही अपने गांवों में पता करें तो उसकी पहचान भी हो सकती है। कोतवाल अनिल कुशान ने बताया कि वह प्रयास करेंगे।
हरदोई। जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा वार्ड में पलंग बांध कर मरीज के हो रहे उपचार को अमर उजाला ने उठाया, तो मंगलवार को मरीज के हाथ पैर खोल दिए गए। मरीज ने राहत की सांस ली। उसकी पहचान न हो पाने से सही उपचार नहीं मिल पा रहा है।
हालांकि, लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ध्यान दे तो उसकी पहचान भी हो सकती है। बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में आठ अगस्त की रात मल्लावां मार्ग पर एक युवक हादसे का शिकार हो गया था। पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराकर अपने फर्ज के इतिश्री कर ली। हालांकि अस्पताल में उसका उपचार तो किया गया, पर जब दर्द से तड़पा तो उसके हाथ पैर बांध दिए गए। पिछले कई दिनों से वार्ड के पलंग संख्या 21 पर तड़प रहे मरीज की हालत पर अमर उजाला की नजर पड़ी, तो इसे जिम्मेदारों तक पहुंचाया। हालांकि मंगलवार को खबर प्रकाशित होने के बाद मरीज के हाथ पैर तो खोल दिए गए।
उपचार भी शुरू हो गया, पलंग की चादर भी बदल दी गई, लेकिन अभी तक उसकी पहचान नहीं हो सकी है। हालांकि, लोगों का कहना है कि अगर पुलिस गंभीरता बरते तो उसकी पहचान हो सकती है। जैसे कि जहां पर हादसा हुआ उसके आसपास के ही मरीज होगा। अगर बीट सिपाही अपने गांवों में पता करें तो उसकी पहचान भी हो सकती है। कोतवाल अनिल कुशान ने बताया कि वह प्रयास करेंगे।