हरदोई। परिषदीय स्कूलों में निरीक्षण में अब खेल नहीं हो सकेगा। बीएसए ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। खंड शिक्षाधिकारियों के निरीक्षण में शिक्षक-शिक्षिकाओं के अनुपस्थित या गड़बड़ी मिलने पर उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई वापस नहीं होगी।
परिषदीय स्कूलों में खंड शिक्षाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान किसी शिक्षक-शिक्षिका के अनुपस्थित मिलने या कोई गड़बड़ी पर वेतन रोकने या काटने की कार्रवाई की जाती थी। खंड शिक्षाधिकारी बीएसए को अपनी आख्या भेजते थे। कभी ऐसा होता था कि एक दिन पहले खंड शिक्षाधिकारी की आख्या पर कार्रवाई होती थी। दूसरे दिन स्पष्टीकरण के बाद खंड शिक्षाधिकारी की कार्रवाई खत्म करने की संस्तुति पहुंच जाती थी। एक ओर कार्रवाई तो दूसरी ओर कार्रवाई खत्म करनी होती थी। वहीं कई मामलों में तो शिक्षक शिक्षिकाओं के उत्पीड़न की बात सामने आई।
अब बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने व्यवस्था में परिवर्तन किया है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र भेजकर सोच समझकर कार्रवाई का निर्देश दिया है। खंड शिक्षाधिकारी कार्रवाई के पहले पूरी स्थिति स्पष्ट कर लें और उसके बाद कार्रवाई की संस्तुति का आदेश दिया गया है। बीएसए ने बताया कि अगर किसी खंड शिक्षाधिकारी ने पहले कार्र्रवाई और फिर वापसी की आख्या भेजी तो उसे उत्पीड़न माना जाएगा और एक बार की गई कार्रवाई बिना किसी ठोस कारण या जवाब के वापस नहीं होगी। उधर, बीएसए के इस आदेश से विभाग में खलबली है।
हरदोई। परिषदीय स्कूलों में निरीक्षण में अब खेल नहीं हो सकेगा। बीएसए ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। खंड शिक्षाधिकारियों के निरीक्षण में शिक्षक-शिक्षिकाओं के अनुपस्थित या गड़बड़ी मिलने पर उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई वापस नहीं होगी।
परिषदीय स्कूलों में खंड शिक्षाधिकारियों के निरीक्षण के दौरान किसी शिक्षक-शिक्षिका के अनुपस्थित मिलने या कोई गड़बड़ी पर वेतन रोकने या काटने की कार्रवाई की जाती थी। खंड शिक्षाधिकारी बीएसए को अपनी आख्या भेजते थे। कभी ऐसा होता था कि एक दिन पहले खंड शिक्षाधिकारी की आख्या पर कार्रवाई होती थी। दूसरे दिन स्पष्टीकरण के बाद खंड शिक्षाधिकारी की कार्रवाई खत्म करने की संस्तुति पहुंच जाती थी। एक ओर कार्रवाई तो दूसरी ओर कार्रवाई खत्म करनी होती थी। वहीं कई मामलों में तो शिक्षक शिक्षिकाओं के उत्पीड़न की बात सामने आई।
अब बीएसए मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने व्यवस्था में परिवर्तन किया है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र भेजकर सोच समझकर कार्रवाई का निर्देश दिया है। खंड शिक्षाधिकारी कार्रवाई के पहले पूरी स्थिति स्पष्ट कर लें और उसके बाद कार्रवाई की संस्तुति का आदेश दिया गया है। बीएसए ने बताया कि अगर किसी खंड शिक्षाधिकारी ने पहले कार्र्रवाई और फिर वापसी की आख्या भेजी तो उसे उत्पीड़न माना जाएगा और एक बार की गई कार्रवाई बिना किसी ठोस कारण या जवाब के वापस नहीं होगी। उधर, बीएसए के इस आदेश से विभाग में खलबली है।