सवायजपुर। सीडीओ को पत्र भेजकर क्षेत्र के विकलांगों की सूची जो विकलांग विभाग ने पेंशन योजना के लिए जारी की थी, उसकी जांच कराने के निर्देश दिए, इधर जब एसडीएम ने कानूनगो व लेखपालों द्वारा मौके पर जांच कराई तो गड़बड़ियां मिलीं। पात्रता सूची में करीब 4 सैकड़ा ऐसे लोगों के नाम शामिल हैं, जो बताए गए गांवों में रहते ही नहीं है।
विकलांग विभाग में दलालों का रैकेट सक्रिय है। प्रति वर्ष प्रशासन द्वारा तहसील से विकलांग पात्रता सूची की जांच कराई जाती है और जांच में अपात्रों को चिह्नित कर उनके नाम काटने की संस्तुति तहसील द्वारा की जाती है, पर अगले साल यह कटे हुए नाम पुन: सूची में कैसे शामिल हो जाते हैं, बड़ा सवाल है। तहसील द्वारा सवायजपुर विकास खंड के हरपालपुर में विकलांग पेंशन योजना में जहां विकलांग प्रतिशत को दरकिनार किया गया, वहीं तीन सौ रुपए प्रतिमाह भरण पोषण को निकास को गलत दिखाया, वहीं रिटायर्ड फौजी व एक स्वस्थ युवक को विकलांग बना दिया। हरपालपुर में जब राजस्व निरीक्षक विक्रम ने जांच की तो आलोक, सुरेश, सत्यवीर, सतीश सहित तीन सैकड़ा गांव के निवासी नहीं पाए गए।
अबरार हुसैन को विकलांग न होने के बावजूद विक लांग बना दिया गया। सुरजूपुर दुर्जना गांव में कुल 34 मामलों में 33 अपात्र पाए गए, वहीं चाऊंपुर में 54 में 38 अपात्र मिले। सिरसा में सीमा, आदित्य, लीलावती, गलत तरीके से विकलांग बना दिए गए। महसूलपुर में रामदास के नाम पात्रता सूची में शामिल कर दिया, जबकि लेखपाल को इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। नगरा चौधरपुर गांव में 7 में 3 अपात्र मिले। हरपालपुर भरखनी आंशिक बावन व सांडी ब्लॉक के लिए 3211 नामों की सूची में अकेले हरपालपुर ब्लॉक से 400 नाम अभी तक जांच में गलत पाए गए। अभी भरखनी व अन्य ब्लॉकों की सूची की जांच होनी है। जांच में यहां भी फर्जी तरीके से नाम दर्ज करने के मामला का खुलासा हो सकता है। ज्ञात हो कि पेंशन को खाते आदि भी संबंधित गांवों में खुलवाए जा चुके है। इसमें बैंक में निवास का प्रमाण पत्र आदि भी दलालों के मार्फत गलत तरीके से लगवाए गए हैं। इस बाबत एसडीएम सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि सभी ब्लॉकों की जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सीडीओ को भेजेंगे।