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दूषित पानी की रोकथाम की कवायद

Hardoi Updated Mon, 04 Jun 2012 12:00 PM IST
हरदोई। इंडियामार्का-टू हैंडपंपों से दूषित पानी आने की शिकायत पर शासन गंभीर हो गया है। ग्राम पंचायतों में लगे हैंडपंप से दूषित पानी की रोकथाम और खराब स्थिति को सुधारने को शासन के निर्देश पर पंचायत राज निदेशक ने हैंडपंपों का सर्वे करने का आदेश दिया है।

सर्वे में ग्राम पंचायत में सरकारी व एजेंसी के माध्यम से लगाए गए हैंडपंपों का चिह्नित कर उनकी नंबरिंग की जाएगी। यह रिपोर्ट शासन ने सप्ताह के अंत तक मांगी है, ताकि हैंडपंपों की वास्तविक स्थिति का आकलन हो सके। भीषण गर्मी में कुएं, तालाब व नदियां सूखी जा रही हैं, जबकि प्यास बुझाने का अब एक मात्र साधन हैंडपंप ही रह गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगे इंडियामार्का-टू हैंडपंप लोगों के लिए सबसे अहम हैं, पर जिम्मेदारों की लापरवाही से इंडियामार्का-टू हैंडपंप भी निष्प्रोज्य साबित हो रहे हैं। ऐसे में इंडियामार्का-टू हैंडपंपों से दूषित पानी व रिबोर न होने की दशा में खराब हो गए। जिसकी जानकारी अब शासन को भी हो चुकी है। इस पर ही शासन ने पंचायत राज विभाग के माध्यम से हैंडपंपों का सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए।

पंचायत राज निदेशक ने इंडियामार्का-टू हैंडपंप की वास्तविक स्थिति का आकलन करने को पत्र भेजा है, जिसमें हैंडपंपों का ग्राम पंचायतवार सर्वेक्षण कर पानी की गुणवत्ता, रिबोर योग्य स्थिति व प्लेटफार्म व नाली की स्थिति का सर्वे किया जाएगा। डीपीआरओ दया शंकर सिंह ने सभी सहायक विकास अधिकारी पंचायत को सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। सर्वेक्षण में ग्राम पंचायत में स्थापित कुल इंडियामार्का-टू हैंडपंपों को क्रमवार नंबर देकर वितरण अभिलेख में अंकित किया जाएगा। सरकार द्वारा लगाए गए व एजेंसी के माध्यम से लगाए गए हैंडपंपों को भी शामिल किया गया। रिबोर योग्य अर्थात पूरी तरह से खराब हैंडपंप को उक्त स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर रिबोर कर ही शिफ्ट करने और रिबोर हैंडपंप को लाल रंग से क्रास कर नंबर देकर दिए गए प्रारूप के स्थान पर अलग अभिलेख पर दर्ज किया जाएगा। उधर, सर्वेक्षण के दौरान इंडियामार्का-टू हैंडपंपों की यदि नाली व प्लेटफार्म टूटा है, तो ऐसे हैंडपंपों की मरम्मत तत्काल कराई जाएगी। जिसके लिए धनराशि भी मंजूर की गई है। पंचायत राज निदेशक के निर्देशानुसार यदि हैंडपंप पूरी तरह से दुरुस्त हैं और प्रारूप में सब कुछ सही पाया गया है, जबकि केवल नाली व प्लेटफार्म टूटा है तो उसकी मरम्मत को सात हजार रुपए दिए जाएंगे। जिसका विवरण भी अंकित करना होगा।
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