हरदोई। सूरज देवता शायद नीचे उतर आए हैं। हाय यह गर्मी तो मार ही डालेगी। अब शरीर में तपिश को बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं रह गई। कुछ ऐसे ही वाक्य इन दिनों हर जगह सुनने को मिल जाते हैं, पर इसे शायद दुर्भाग्य कहा जाएगा कि अभी शायद सूरज की तपिश का सामना लोगों को और भी करना पड़ सकता है, क्योंकि सर्वाधिक गर्मी के लिए जाना जाने वाला रोहिणी नक्षत्र यानी नवतपा तीन जून क ो अपनी दशा बदलने के बाद भी अपना प्रभाव छोड़ेगा।
बहरहाल ज्योतिषाचार्यों की मानें तो जून माह के दूसरे सप्ताह या उसके बाद ही उत्तर पश्चिम से आने वाली धूल भरी हवाओं व बादलों से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। अंदर तक झुंझला देने वाली गर्मी को अभी और भी बर्दाश्त करना पड़ सकता है। सर्वाधिक गर्मी को जाना जाने वाला रोहिणी नक्षत्र पिछले शुक्रवार से होने का गरम अहसास लगातार करवा रहा है। यह नक्षत्र अपने होने का अहसास तीन जून तक तो कराएगा ही, जाते-जाते भी वह गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ न कुछ गरमी छोड़ ही जाएगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले दिनों से गर्मी किस कदर लोगों को पसीने-पसीने करने के बाद उन्हें पस्त करने में लगी हुई है।
दिन में लू के थपेड़े परेशान कर रहे हैं, तो रात में भी ठंडक का थोड़ा सा अनुभाव भी लोग नहीं कर पा रहे हैं। यही नहीं गर्मी का कहर बढ़ने के बाद लोग यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि सूरज तो देखो और आक्रामक होता जा रहा है। इस बाबत ग्रहों की गणित भाग और उनकी चाल को आंकने के बाद शास्त्री उमाकांत अवस्थी का कहना है कि उत्तरायण सूर्य जून के दूसरे सप्ताह तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान पारा चढ़ता नजर आएगा। तापमान बढ़ने से वायुमंडलीय दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में उत्तर पश्चिम से आने वाली हवाएं अपने साथ धूल भरे बादल भी ला सकती है, जिससे हल्की बूंदा बांदी हो सकती है। इसकी संभावना फिलहाल व्यक्त की जा सकती है।
उनका कहना है कि ज्योतिष व शास्त्रों में चल रही ग्रहों की उठापटक तो यही दर्शा रही कि सूर्य के साथ छह ग्रहों की युति होने और सूर्य की राशि में मंगल होने से नवतपा में गर्मी तेज होगी। इसी क्रम में शनि मंगल का द्वादस योग और शनि पर गुरु की दृष्टि नवतपा के मेल में बूंदाबांदी करा सकती है। कुल मिलाकर अभी कुछ दिन गर्मी का दंश झेलना ही होगा।
हरदोई। सूरज देवता शायद नीचे उतर आए हैं। हाय यह गर्मी तो मार ही डालेगी। अब शरीर में तपिश को बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं रह गई। कुछ ऐसे ही वाक्य इन दिनों हर जगह सुनने को मिल जाते हैं, पर इसे शायद दुर्भाग्य कहा जाएगा कि अभी शायद सूरज की तपिश का सामना लोगों को और भी करना पड़ सकता है, क्योंकि सर्वाधिक गर्मी के लिए जाना जाने वाला रोहिणी नक्षत्र यानी नवतपा तीन जून क ो अपनी दशा बदलने के बाद भी अपना प्रभाव छोड़ेगा।
बहरहाल ज्योतिषाचार्यों की मानें तो जून माह के दूसरे सप्ताह या उसके बाद ही उत्तर पश्चिम से आने वाली धूल भरी हवाओं व बादलों से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। अंदर तक झुंझला देने वाली गर्मी को अभी और भी बर्दाश्त करना पड़ सकता है। सर्वाधिक गर्मी को जाना जाने वाला रोहिणी नक्षत्र पिछले शुक्रवार से होने का गरम अहसास लगातार करवा रहा है। यह नक्षत्र अपने होने का अहसास तीन जून तक तो कराएगा ही, जाते-जाते भी वह गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ न कुछ गरमी छोड़ ही जाएगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले दिनों से गर्मी किस कदर लोगों को पसीने-पसीने करने के बाद उन्हें पस्त करने में लगी हुई है।
दिन में लू के थपेड़े परेशान कर रहे हैं, तो रात में भी ठंडक का थोड़ा सा अनुभाव भी लोग नहीं कर पा रहे हैं। यही नहीं गर्मी का कहर बढ़ने के बाद लोग यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि सूरज तो देखो और आक्रामक होता जा रहा है। इस बाबत ग्रहों की गणित भाग और उनकी चाल को आंकने के बाद शास्त्री उमाकांत अवस्थी का कहना है कि उत्तरायण सूर्य जून के दूसरे सप्ताह तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान पारा चढ़ता नजर आएगा। तापमान बढ़ने से वायुमंडलीय दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में उत्तर पश्चिम से आने वाली हवाएं अपने साथ धूल भरे बादल भी ला सकती है, जिससे हल्की बूंदा बांदी हो सकती है। इसकी संभावना फिलहाल व्यक्त की जा सकती है।
उनका कहना है कि ज्योतिष व शास्त्रों में चल रही ग्रहों की उठापटक तो यही दर्शा रही कि सूर्य के साथ छह ग्रहों की युति होने और सूर्य की राशि में मंगल होने से नवतपा में गर्मी तेज होगी। इसी क्रम में शनि मंगल का द्वादस योग और शनि पर गुरु की दृष्टि नवतपा के मेल में बूंदाबांदी करा सकती है। कुल मिलाकर अभी कुछ दिन गर्मी का दंश झेलना ही होगा।